Last Updated: Tuesday, November 27, 2012, 15:50

नई दिल्ली : वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने बचत और निवेश की उच्च दरों के साथ मजबूत आर्थिक वृद्धि का हवाला देकर देश की वित्तीय साख की संभावनाओं को स्थिर बताया है।
मूडीज ने भारत की वित्तीय साख को इस समय बीएए3 श्रेणी में रखा है और आगे भी इसमें स्थिरता बनी रहने की बात कही है।
एजेंसी ने ‘भारत की वित्तीय साख का विश्लेषण’ शीर्षक अपनी ताजा रिपोर्ट में मंगलवार को कहा,‘भारत की बीएए3 रेटिंग और स्थिर परिदृश्य को उसकी साख की शक्ति से सहायता मिल रही है। देश की अर्थव्यस्था बड़ी और विविधतापूर्ण है और इसकी जीडीपी बजबूत वृद्धि और बचत तथा निवेश दर अन्य उभरते बाजारों के औसत से बेहतर है।’
हालांकि मूडीज ने यह भी कहा है कि भारत की रेटिंग पर सामाजिक और भौतिक बुनियादी ढांचों की कमजोर स्थिति, प्रति व्यक्ति कम आय और उच्च राजकोषीय घाटे तथा ऋण अनुपात का दबाव है।
एजेंसी ने कहा कि जटिल नियामकीय माहौल और उच्च मुद्रास्फीति की ओर रुझान का भी रेटिंग पर दबाव है।
सरकार राजकोषीय घाटे को चालू वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी के 5.3 प्रतिशत पर सीमित रखने की कोशिश कर रही है। इसके अलावा बुनियादी ढांचे में सुधार से जुड़े अनेक उपायों और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश व्यवस्था को उदार बनाने की घोषणा की गई है।
मूडीज ने कहा,‘फिरभी, इसमें देरी हुई है और राजनैतिक अनिश्चितता तथा वैश्विक सुस्ती के बीच कुछ समय तक वृद्धि मंद रह सकती है।’
एजेंसी ने कहा कि भारत की स्थिर रेटिंग ‘इस उम्मीद पर रखी गई है कि भारत की संरचनात्मक मजबूती-उच्च घरेलू बचत दर और तुलनात्मक रूप से प्रतिस्पर्धी निजी क्षेत्र की वजह से वित्त वर्ष 2014 में जीडीपी वृद्धि दर वर्ष 2013 के 5.4 प्रतिशत से बढ़कर छह प्रतिशत अथवा अधिक हो जाएगी।’
स्टैंडर्ड एंड पूअर्स ने अक्तूबर में कहा था कि वृद्धि की संभावना प्रभावित होने, वैश्विक स्थिति और माहौल खराब होने अथवा राजकोषीय सुधार के सुस्त पड़ने की स्थिति में 24 महीने के भीतर भारत की रेटिंग में गिरावट आ सकती है।
इससे पहले अप्रैल में एसएंडपी ने देश की रेटिंग को स्थिर से नकारात्मक कर दिया था।
मूडीज ने अपने वाषिर्क रिपोर्ट में कहा कि रेटिंग के लिहाज से भारत की राजकोषीय स्थिति लंबे समय से अवरूद्ध है।
मूडीज ने सावधान करते हुए कहा है,‘अप्रत्याशित घरेलू राजनैतिक उठापटक, वैश्विक वृद्धि और वित्तीय स्थिति के और खराब होने अथवा खाद्य और दूसरे जिंसों की कीमतों में वृद्धि से सुधार की गति और अवधि प्रभावित हो सकती है।’ (एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 27, 2012, 15:50