Last Updated: Tuesday, December 18, 2012, 13:23

वाशिंगटन : अमेरिका के एक अनुसंधान संस्थान ने कहा है कि 2001 से 2010 के बीच भारत से 123 अरब डालर यानी 6,15,000 करोड़ रुपए से अधिक की काली कमाई बाहर ले जायी गयी गयी। कालेधन देश से बाहर निकलने से भारत आठवां सबसे बड़ा पीड़ित देश बन गया है।
कालाधन को बाहर ले जाने के मामले में चीन का नुकसान भारत से कहीं अधिक है। पिछले 10 साल में चीन से 2,740 अरब डालर का कालाधन देश से बाहर गया, जबकि मेक्सिको इस वजह से 476 अरब डालर का नुकसान हुआ।
मलेशिया से धन को बेहिसाब तरीके से बाहर ले जाने से 285 अरब डालर, सउदी अरब को 201 अरब डालर, रूस को 152 अरब डालर, फिलीपींस को 138 अरब डालर और नाइजीरिया को 129 अरब डालर का नुकसान हुआ।
ग्लोबल फाइनेंशियल इंटिग्रिटी (जीएफआई) द्वारा जारी रिपोर्ट विकासशील देशों से अवैध धन का प्रवाह ( 2001-2010 के मुताबिक, कालाधन से हुए नुकसान के मामले में भारत आठवां सबसे बड़ा देश है। इस तरह के शीर्ष 20 देशों की सूची में भारत अकेला दक्षिण एशियाई देश है।
अकेले 2010 में भारतीय अर्थव्यवस्था को देश से अवैध धन प्रवाह के चलते 1.6 अरब डालर का नुकसान हुआ।
जीएफआई के प्रमुख अर्थशास्त्री और रिपोर्ट के सह.लेखक देव कार ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 123 अरब डालर का नुकसान एक बहुत बड़ा नुकसान है। उन्होंने कहा कि यह नुकसान भारतीय नागरिकों के लिए बहुत गंभीर मायने रखता है। इस रकम का निवेश शिक्षा, स्वास्थ्य और देश के बुनियादी ढांचे में किया जा सकता था। इस रकम का कुछ हिस्सा अगर देश के पावरग्रिड में निवेश किया गया होता तो पिछली गर्मी में देश के एक बड़े हिस्से में बिजली गुल होने की स्थिति से बचा जा सकता था। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 18, 2012, 13:23