भारत, चीन में सुधारों को मिले गति : IMF

भारत, चीन में सुधारों को मिले गति : IMF

टोक्यो : अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने शनिवार को अमेरिका और अन्य सदस्य देशों से कहा कि भारत, चीन जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं को आईएमएफ में अधिक अवसर प्रदान करने वाले शासनिक सुधारों को स्वीकारने की घरेलू प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।

आईएमएफ की नीति निर्माता इकाई, अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक एवं वित्तीय समिति (आईएमएफसी) ने एक बयान में कहा है, `हम इन महत्वपूर्ण सुधारों को प्रभावी बनाने की आवश्यकता को दोहराते हैं और सदस्यों से इसके लिए आवश्यक कदम उठाने का आह्वान करते हैं।` 188 सदस्यों देशों में से 24 देशों के प्रतिनिधित्व वाली आईएमएफसी ने यहां एक बैठक के बाद सुधारों को गति देने और उसकी निगरानी करने का संकल्प लिया।

चीन, भारत और ब्राजील जैसे उभरते देशों की बढ़ रही आर्थिक ताकत के अनुरूप उन्हें स्थान देने के लिए इन सुधारों पर 2010 में सहमति बनी थी। इन सुधारों को लागू करने के लिए कुल मताधिकार का 85 फीसदी या कम से कम 113 या उससे अधिक सदस्यों की स्वीकृति की जरूरत होगी। लेकिन कुल मताधिकार का 17.67 प्रतिशत अधिकार रखने वाले आईएमएफ के सबसे बड़े घटक अमेरिका ने अभी तक इसे स्वीकार नहीं किया है, जबकि सुधारों के क्रियान्वयन के लिए उसकी स्वीकृति अनिवार्य है।

आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लागार्दे ने आईएमएफसी की बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में अमेरिका के स्पष्ट संदर्भ में कहा, `मात्र एक-दो देशों के ही सुधारों के लिए हां कहने की देरी है।` बैठक में मौजूद अमेरिकी वित्त मंत्री टिमोथी गाइथनर ने कहा कि उनके देश ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और एक मजबूत आईएमएफ का समर्थन किया है।

गाइथनर ने एक बयान में कहा, `हम आईएमएफ का लगातार समर्थन करते रहेंगे, क्योंकि यह विकासमान वैश्विक अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली के साथ खुद को अनुकूल बनाता रहता है।` (एजेंसी)

First Published: Sunday, October 14, 2012, 00:35

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