Last Updated: Saturday, November 3, 2012, 12:56
सियोल : केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम के दो दिवसीय दौरे के दौरान भारत और दक्षिण कोरिया ने 2015 तक 40 अरब डॉलर व्यापार का लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की है। चिदम्बरम ने दक्षिण कोरियाई व्यापारों और उद्योगों को भारतीय बाजार में, खासतौर से अधोसंरचना में अधिक निवेश करने के लिए आमंत्रित किया। चिदम्बरम यहां भारत-कोरिया के वित्त मंत्रियों की तीसरी बैठक के लिए दो-तीन नवम्बर तक दक्षिण कोरिया के दौरे पर हैं।
यहां स्थित भारतीय दूतावास की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि चिदम्बरम ने शुक्रवार को रणनीति एवं वित्त मंत्री बेहक जीवान से मुलाकात की और द्विपक्षीय चिंता के वित्तीय व आर्थिक मामलों पर तथा प्रासंगिक क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों पर व्यापक चर्चा की।
चिदम्बरम के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी है, जिसमें वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, कर विशेषज्ञ, और एक्जिम बैंक ऑफ इंडिया के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि भी शामिल हैं। दोनों मंत्रियों ने दोनों देशों के बीच मौजूद भारी निवेश व व्यापारिक प्रवाह की अपार सम्भावना को स्वीकार किया, और इस सम्भावना को साकार करने की दिशा में काम करने पर सहमति जताई।
दोनों मंत्रियों ने व्यापाक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) का जिक्र किया, और 2015 तक 40 अरब डॉलर का लक्ष्य हासिल करने हेतु सहयोगी और ठोस प्रयास करने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की। यह लक्ष्य प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मार्च 2012 में हुए दक्षिण कोरिया दौरे के दौरान तय हुआ था। जनवरी 2010 में सीईपीए के क्रियान्वयन के बाद से दो वर्षो के दौरान द्विपक्षीय व्यापार में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
दोनों पक्षों ने व्यापक आर्थिक परिदृश्य पर अपने विचारों का आदान-प्रदान किया, और सहयोग को बढ़ाने के रास्तों व नीति निर्देशों को तलाशने की कोशिश की। प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत के दौरान राजकोषीय नीति, कराधान, सीमाशुल्क मंजूरी, सार्वजनिक खरीददारी और अधोसंरचना सहयोग पर चर्चा हुई।
दोनों देश, निकट भविष्य में दोनों देशों के वित्त मंत्रियों के बीच सहयोग को संस्थागत रूप प्रदान करने और उनके अनुभवों व सर्वश्रेष्ठ आचरणों के आदान-प्रदान से लाभ हासिल करने पर लक्षित एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने पर सहमत हो गए हैं। (एजेंसी)
First Published: Saturday, November 3, 2012, 12:56