भारत ने दुनिया का भरोसा खो दिया: रतन टाटा । India has lost confidence of the world: Ratan Tata

भारत ने दुनिया का भरोसा खो दिया: रतन टाटा

भारत ने दुनिया का भरोसा खो दिया: रतन टाटानई दिल्ली : अर्थव्यवस्था में नरमी के बीच प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा ने कहा है कि भारत ने दुनिया का भरोसा खो दिया है और सरकार ने इस बात को समझने में देरी कर दी है।

उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार निजी क्षेत्र के निहित स्वार्थों के प्रभाव में बहती गई और उसी प्रभाव में नीतियों में बदलाव, देरी अथवा हेरफेरी की गई। टाटा ने पिछले साल दिसंबर में टाटा ग्रुप के चेयरमैन का पद छोड़ा था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भारत के गौरव को ऊंचा बनाए रखा था लेकिन हाल के समय में हमने वह गौरव खो दिया है।

निवेशकों का विश्वास टूटने पर प्रधानमंत्री की चुप्पी संबंधी एक सवाल के जवाब में टाटा ने एक न्‍यूज चैनल पर कहा कि हमने दुनिया का भरोसा गंवा दिया है। सरकार में हम इसे पहचानने में धीमे रहे। उन्होंने कहा कि यह देश के लिए अच्छा होगा अगर नीतियां वैसे ही कार्यान्वित हों जैसे उन्हें बनाया गया है। टाटा ने कहा, सरकार नीति जारी करती है, निहित स्वार्थ अक्सर उसमें बदलाव, देरी या हेरफेर करवा लेते हैं। सरकार किसी न किसी कारण से इन ताकतों के सामने झुक जाती है।

साल 1991 के सुधारों को याद करते हुए टाटा ने कहा कि जब साहसी कदम उठाए गए थे। उन्होंने कहा कि अब भी वही टीम है। लेकिन मेरे विचार में हुआ यह है कि अनेक प्रतिस्पर्धी हित हैं। मोटे तौर पर जो कुछ हो रहा है उसे भारत की जनता के हित की दृष्टि से देखा जाना चाहिए न न कि देश के कुछ निहित स्वार्थों के फायदे के लिए। सिंह के नेतृत्व में अपने भरोसे को दोहराते हुए उन्होंने यह भी कहा कि देश में आगे बढ़कर अगुवाई करने वाले नेतृत्व की कमी है। उन्होंने कहा कि सरकार को इसके भीतर से भी अनेक दिशाओं में खींचा जा रहा है।

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर उन्होंने कहा कि मेरी राय में गुजरात में उन्होंने अपने नेतृत्व को सिद्ध किया है ओैर गुजरात को प्रमुख स्थान पर खड़ा कर दिया है। पर वह देश के स्तर पर क्या करेंगे यह देखने की स्थिति में मै नहीं हूं। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, August 28, 2013, 19:08

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