भारत-मालदीव में ऐतिहासिक करार - Zee News हिंदी

भारत-मालदीव में ऐतिहासिक करार

माले : भारत और मालदीव ने आपसी संबंधों को नए आयाम देते हुए विकास में साहयोग के लिए एक ऐतिहासिक व्यवस्थागत समझौते और आतंकवाद से लड़ने में आपसी सहयोग के करार सहित कुल छह समझौतों पर आज हस्ताक्षर किए।

 

विकास समझौते के तहत भारत मालदीव की राजकोषीय स्थिति को स्थिरता प्रदान करने के लिए 10 करोड़ डॉलर की वैकल्पिक  सुविधा भी देगा। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मालदीव की अपनी पहली राजकीय यात्रा में यहां राष्ट्रपति के महल में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के साथ विचार विमर्श किया और उनके साथ ‘विकास के लिए सहयोग की व्यवस्थागत के समझौते’ पर हस्ताक्षर किए।

 

इस समझौते में दोनों पक्षों के बीच व्यापार और निवेश, खाद्य सुरक्षा, मत्स्य विकास, पर्यटन, परिवहन, सूचना प्रौद्योगिकी, नवीन और नवीनीकरण उर्जा, संचार और वायु तथा समुद्री मार्गों के जरिए संपर्क बढ़ाने में आापसी सहयोग की योजना का खाका है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की यात्रा के बाद आठ साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली मालदीव यात्रा है।

 

दोनों देशों के बीच 2009-10 में 395 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ। भारत सुरक्षा से जुड़े मुद्दों और आतंक तथा समुद्री दस्युओं की समस्याओं से निपटने की बहुयामी नीति के तहत मालदीव के क्षमता में विस्तार करने के लिए ‘नेशनल पुलिस एकेडमी’ के निर्माण में सहयोग करेगा।

 

राष्ट्रपति नशीद ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग और दोनों देशों के हितों से जुड़े समझौतों के लिए प्रधानमंत्री सिंह को धन्यवाद दिया।

 

अन्य छह समझौते

मालदीव में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच भारत ने शनिवार को उसके साथ विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनमें से दो समझौते आतंकवाद से मुकाबला करने और सजायाफ्ता कैदियों को सुपुर्द करने से सम्बंधित हैं।

 

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के साथ एक घंटे से अधिक समय तक कई मुद्दों पर बातचीत की और व्यापार व विकास से लेकर आतंकवाद व जलवायु परिवर्तन से मुकाबला जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की। मनमोहन सिंह ने क्षमता विकास के कई संस्थानों के लिए 10 करोड़ डॉलर के नए ऋण की भी घोषणा की।

 

आतंकवाद से मुकाबले में सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए भारत ने एक पुलिस प्रशिक्षण अकादमी की स्थापना का भी प्रस्ताव दिया तथा कोचीन और माले के बीच एक यात्री व माल परिवहन सेवा शुरू करने के प्रस्ताव में तेजी लाने का भी निर्णय लिया।

 

दोनों पक्षों ने माले के उत्तर में एक बंदरगाह विकसित करने की सम्भावना पर भी विचार करने का फैसला किया।

 

दोनों नेताओं के बीच यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस द्वीपीय देश में चीन ने अपनी राजनयिक उपस्थिति बढ़ाने के लिए अपनी गतिविविधि बढ़ा दी है। (एजेंसी)

First Published: Saturday, November 12, 2011, 16:13

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