Last Updated: Saturday, May 4, 2013, 21:11

ग्रेटर नोएडा : प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों को उदार बनाने तथा बड़ी परियोजनाओं को गति देने के लिये प्रणाली स्थापित किये जाने के साथ वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि भारत के निवेश की कहानी अब शुरू हो रही है।
एडीबी की सालाना बैठक के कारोबारी सत्र को संबोधित करते हुए चिदंबरम ने कहा कि कई परियोजनाएं ईंधन आपूर्ति, पर्यावरण मंजूरी, वन मंजूरी तथा जमीन अधिग्रहण की समस्या के कारण अटकी पड़ी थी। इन समस्याओं को दूर करने तथा परियोजनाओं को गति देने के लिये निवेश पर मंत्रिमंडल की समिति (सीसीआई) गठित की गयी है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने बहु-ब्रांड खुदरा, बिजली एक्सचेंज, विमानन तथा प्रसारण जैसे क्षेत्रों में एफडीआई की मंजूरी दी है, जैसा कि मैं कहता रहा हूं कि भारत में निवेश की कहानी अब शुरू हुई है।’’ निवेश पर मंत्रिमंडल की समिति ने कई बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इसमें तेल एवं प्राकृतिक गैस से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं। ये परियोजनाएं विभिन्न नियामकीय मंजूरी के कारण अटकी पड़ी थी।
एडीबी निदेशक मंडल के चेयरमैन की भी जिम्मेदारी संभाल रहे चिदंबरम ने कहा कि सरकार वृहत आर्थिक स्थिरता बनाये रखने के साथ समावेशी वृद्धि को गति देने के लिये प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम राजकोषीय मजबती के लिये दृढ़संकल्प हैं। यह प्रोत्साहन पैकेज (वैश्विक नरमी के बाद दिया गया पैकेज) के कारण हुए रिसाव की स्थिति को पलटेगा।’’पी चिदंबरम ने कहा कि राजकोषीय घाटे को 2016-17 तक सकल घरेलू उत्पाद के 3 प्रतिशत के स्तर पर लाया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘इसे राजस्व में वृद्धि के साथ व्यय को युक्तिसंगत बनाने के उपायों के जरिये हासिल किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि भारत घरेलू और विदेशी निवेश को गति देने के लिये प्रतिबद्ध है। भारत-एडीबी सहयोग का जिक्र करते हुए चिदंबरम ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हो रही है कि एशियाई विकास बैंक अब कौशल विकास के क्षेत्र में उठाये जा रहे कदमों का समर्थन करने के लिये तैयार हो रहा है।
चिदंबरम ने एडीबी को यह संभावना तलाशने का न्यौता दिया कि वह ऊर्जा, लाजिस्टिक्स तथा कौशल विकास के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता कैसे उपलब्ध करा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘एडीबी न केवल इन प्रयासों में सहयोग कर सकता है बल्कि भारत, बांग्लादेश, म्यांमा, आसियान तथा चीन के बीच गलियारा परियोना की संभावना को आगे बढ़ाने के लिये सक्रियता से काम कर सकता है।’’ चिदंबरम ने बुनियादी ढांचा तथा बिजली-पानी-सड़क परियोजनाओं की मदद के लिये विशेष वित्त पोषण इकाई के विकास का सुझाव दिया। (एजेंसी)
First Published: Saturday, May 4, 2013, 21:11