Last Updated: Thursday, August 15, 2013, 15:59
नई दिल्ली : सरकार की चालू खाते के बढ़ते घाटे पर कम करने के लिए आयात पर नियंत्रण की कोशिश के बावजूद भारत की सोने की खपत जून की तिमाही में बढ़कर 310 टन हो गई जो पिछले 10 साल का उच्चतम स्तर है। यह बात डब्ल्यूजीसी की रपट में कही गई है।
इसमें से ज्यादातर मांग की आपूर्ति उस भंडार से हुई जो अप्रैल में कीमत में हुई गिरावट के मद्देनजर अच्छा खास तैयार हुआ था। इस साल अप्रैल से जून की तिमाही में आयात दोगुना बढ़कर 338 टन हो गया। सोने की खपत पिछले साल की इसी तिमाही में 181.1 टन रही।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) ने अपनी ताजा रपट में कहा, ‘इससे दिखता है कि भारतीय उपभोक्ताओं में सोने की भूख जोरदार बनी हुई है। मांग कम करने की सरकार की कोशिश का इस तिमाही के आंकड़े पर बहुत कम असर हुआ। इस दौरान उपभोक्ताओं की सोने की मांग 310 टन सोने की रही जो पिछले साल के मुकाबले 71 प्रतिशत अधिक है।’
डब्ल्यूजीसी इंडिया के प्रबंध निदेशक सोमसुंदरम पीआर के मुताबिक, ‘सोने की मांग दूसरी तिमाही में पिछले 10 साल में सबसे अधिक रही।’ सोने की कीमत में पिछले अप्रैल में गिरावट के कारण जेवरात की मांग इस साल दूसरी में 50 प्रतिशत बढ़कर 188 टन हो गई जो पिछले साल की इसी तिमाही में 124 टन थी। समीक्षाधीन अवधि में सोने की छड़ और सिक्के की खपत बढ़कर 122 टन हो गई जो पिछले साल की इसी अवधि में 56.5 टन थी। (एजेंसी)
First Published: Thursday, August 15, 2013, 15:59