Last Updated: Tuesday, June 19, 2012, 11:53
लॉस काबोस: भारत ने ऋण संकट में फंसे 17 सदस्यीय यूरो क्षेत्र को 10 अरब डालर की सहायता दिये जाने की आज घोषणा की। यह राशि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की तरफ से दी जाने वाली अतिरिक्त 430 अरब डालर के कोष में दी
जाएगी। इसका उद्देश्य डगमगाती विश्व अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करना और वित्तीय संकट को फैलने से रोकना है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विकसित एवं विकासशील देशों जी-20 के सातवें शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए भारत की तरफ से यूरो क्षेत्र के लिये वित्तीय सहायता दिये जाने की घोषणा की। प्रोत्साहन कोष के लिये आईएमएफ में योगदान बढ़ाने की बढ़ती मांग के बीच मैक्सिको के इस रिजार्ट शहर में यह सम्मेलन हो रहा है।
भारत तथा ब्रिक्स के अन्य देशों के संकल्प से आईएमएफ को संसाधन बढ़ाने में मदद मिली है। 430 अरब डालर के इस कोष का उपयोग यूरो क्षेत्र की वित्तीय संकट में फंसी अर्थव्यवस्था को बाहर निकालने में किया जाना है।
सिंह ने अपने संबोधन में विश्व के नेताओं से कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को यूरो क्षेत्र को स्थिर करने में महत्वपूर्ण सहायक भूमिका निभानी है। सभी सदस्य देशों को निश्चित रूप से मदद करनी चाहिए ताकि आईएमएफ अपनी भूमिका निभा सके। मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि आईएमएफ के अतिरिक्त 430 अरब डालर की मदद राशि में भारत ने 10 अरब डालर का योगदान करने का निर्णय किया है।’
जी-20 देशो का दुनिया के कुल जीडीपी में 80 प्रतिशत योगदान है। इससे पहले, भारत ने प्रोत्साहन राशि देने का संकल्प जताया था लेकिन यह नहीं बताया था कि वह वास्तव में कितनी राशि देगा। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 19, 2012, 11:53