Last Updated: Tuesday, February 28, 2012, 11:17
बार्सेलोना : विदेशी इलेक्ट्रानिक्स उपकरण विनिर्माताओं की आशंका को दूर करते हुए भारत ने कहा कि वह संरक्षणवाद की नीति का पालन नहीं करेगा और देश में सभी प्रतिभागियों को कारोबार के समान अवसर मिलेंगे।
दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा ‘दुनिया भर की नीतियों पर नजर डालिए , हम अन्य देशों के मुकाबले कम संरक्षणवादी हैं। भारत के संरक्षणवादी बनने का सवाल ही पैदा नहीं होता।’ सरकार इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति को अंतिम स्वरूप देने की प्रक्रिया में है जिससे देसी उपरकण और के उपयोग को संवर्धन प्रदान किया जाएगा और भारत के आयात बिल में कटौती की जाएगी।
सिब्बल ने कहा ‘कंपनियों को काम करने के समान अवसर होने चाहिए। जब विदेशी कंपनियां आती हैं तो क्या भारत में कारोबार के समान अवसर हैं? . उन्हें यह देखने की जरूरत है।’’ हाल ही में भारत ने एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है जिसके तहत पहले साल में सरकारी खरीद में ऐसे इलेक्ट्रानिक्स उत्पादों की खरीद को तरजीह देने का प्रावधान है जिसमें न्यूनतम 25 फीसद कल पुर्जे भारत में बने हों।
उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने पर विचार कर रही है अगले कुछ सालों में भारत की आयात पर निर्भरता कम की जाए ताकि व्यापार घाटा कम किया जा सके। सिब्बल ने कहा ‘हमें यह जरूर सुनिश्चित करना चाहिए कि आखिरकार ऐसी स्थिति यह हो कि भारत को किसी चीज का आयात न करना पड़े। जैसा के अन्य देशों ने किया .. उन्होंने अपनी विनिर्माण क्षमता को बढ़ाया है। यही हम चाहते हैं।’
उन्होंने कहा कि यदि भारत विनिर्माण क्षमता मजबूत नहीं करता तो इकलौते दूरसंचार क्षेत्र में आयात खर्च 2020 तक सालाना बढ़कर 300 अरब डालर तक पहुंच जाएगा। हफ्ते भर लंबे दौरे के दौरान सिब्बल विभिन्न देशों के उद्योगपतियों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों से मिलेंगे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 28, 2012, 16:47