Last Updated: Sunday, December 9, 2012, 19:03
नई दिल्ली : बिजली उपकरण विनिर्माता भेल तथा गैस इकाई गेल इंडिया को महारात्न का दर्जा दिए जाने संबंधी प्रस्ताव जल्द कैबिनेट सचिव अजित कुमार सेठ की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति को भेजा जाएगा। अभी भेल और गेल को नवरत्न का दर्जा मिला हुआ है। कोई भी महारत्न कंपनी 5,000 करोड़ रुपये का निवेश सरकार की मंजूरी के बगैर कर सकती है। नवरत्न कंपनियों के लिए यह सीमा 1,000 करोड़ रुपये की है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘खोज समिति ने भेल और गेल के महारत्न का दर्जा पाने के आवेदन की जांच कर ली है और उसे मंजूर कर लिया है। अब इस प्रस्ताव को विचार के लिए शीर्ष समिति के पास भेजा जाएगा।’’ कैबिनेट सचिव के अलावा इस समिति में सार्वजनिक उपक्रम विभाग, व्यय विभाग और योजना आयोग के सचिव शामिल हैं।
दिशानिर्देशों के अनुसार महारत्न का दर्जा पाने के लिए किसी भी कंपनी का पिछले तीन साल का औसत सालाना कारोबार 25,000 करोड़ रुपये होना चाहिए। इसके अलावा सार्वजनिक उपक्रम का नेटवर्थ 15,000 करोड़ रुपये और पिछले तीन साल का औसत मुनाफा 5,000 करोड़ रुपये होना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Sunday, December 9, 2012, 19:03