Last Updated: Saturday, February 2, 2013, 18:28

नई दिल्ली : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) से ग्रामीण आबादी के वित्तीय समावेश में तेजी आने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज भरोसा जताया कि इस केन्द्रीय योजना के तहत बैंकों और डाकघरों में खोले गये खाते हमारी ग्रामीण आबादी को सीधी नकदी अंतरण योजना से भी फायदा पहुंचाने में मदद करेंगे ।
प्रधानमंत्री ने यहां मनरेगा कानून पर आयोजित सम्मेलन में कहा, ‘‘मनरेगा कानून से हमारी ग्रामीण आबादी के वित्तीय समावेश में तेजी आयी है । लोगों को सीधा आर्थिक लाभ पहुंचाने के अलावा इस योजना ने हमको बहुत से अप्रत्यक्ष लाभ भी दिये हैं । इसकी वजह से मजबूर होकर घर से पलायन करने वालो की संख्या अब कम होती जा रही है और प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन में इसके अच्छे नतीजे सामने आने लगे हैं ।’’ उन्होंने कहा कि बैंकों में चार करोड़ से ज्यादा खाते खोले गये हैं और इससे भी ज्यादा डाकघरों में खाते खोले गये हैं । ये खाते हमारी ग्रामीण आबादी को लाभ के सीधे अंतरण योजना से भी फायदा पहुंचाने में मदद करेंगे ।
उन्होंने इस योजना को और ज्यादा कारगर बनाने पर जोर देते हुए बताया कि इस योजना के तहत मंजूर कामों की सूची में 30 नये काम जोड़े गये हैं । इनमें से ज्यादातर का जोर ग्रामीण क्षेत्रों में रोजी रोटी उपलब्ध कराने पर है ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल भी इस योजना के सिलसिले में कई आधुनिक तरीकों से किया जा रहा है । इससे शासन को बेहतर बनाने और सरकारी काम में पारदर्शिता तथा जवाबदेही बढ़ाने में मदद मिली है और आगे भी इसकी बहुत संभावना है । उन्होंने कहा, ‘‘इस योजना से जुड़े हुए लोगों के तजुबरें को मैंने ध्यान से सुना । हमें इन अनुभवों से सीख लेते हुए योजना को और बेहतर बनाने की कोशिश जारी रखनी चाहिए ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं ग्रामीण विकास मंत्रालय से अनुरोध करना चाहूंगा कि वह राज्य सरकारों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करे कि पंचायतों को भरपूर तकनीकी सहायता उपलब्ध करायी जा सके । मैं मंत्रालय से यह भी अनुरोध करना चाहूंगा कि वह अब तक की उपलब्धियों की बुनियाद पर काम करते हुए इस योजना को और प्रभावी बनाने की कोशिश करे ।’’ (एजेंसी)
First Published: Saturday, February 2, 2013, 18:28