Last Updated: Thursday, November 24, 2011, 04:39
नई दिल्ली: गुरुवार को कैबिनेट रिटेल क्षेत्र में एफडीआई की सीमा संबंधी प्रस्तावों को मंजूरी दे सकता है। इसके तहत सिंगल ब्रांड में 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति दी जा सकती है जो फिलहाल 51 फीसदी है। जबकि मल्टी ब्रांड रिटेल में 51 फीसदी एफडीआई निवेश की मंजूरी मिलने की संभावना है।
इस बीच सूत्रों के हवाले से यह कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल काग्रेस मल्टी ब्रांड रिटेल में एफडीआई का विरोध कर सकती है। ममता ने दिनेश त्रिवेदी को इसका विरोध करने का निर्देश दिया है।
मल्टी ब्रांड रिटेल में 51 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रस्ताव पर माकपा ने गुरुवार को कहा कि वामदल इसका संसद के भीतर और बाहर पुरजोर तरीके से विरोध करेंगे।
संसद भवन परिसर में माकपा के वरिष्ठ नेता वासुदेव आचार्य ने संवाददाताओं से कहा, ‘ ऐसी खबरें है कि खुदरा क्षेत्र में बहु ब्रांड में 51 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी दी जायेगी। हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं क्योंकि इसके कारण देश के 4.5 करोड़ छोटे खुदरा कारोबारी बुरी तरह से प्रभावित होंगे।’
उन्होंने दावा किया कि संप्रग के पहले कार्यकाल के दौरान वामदलों के विरोध के कारण ही खुदरा क्षेत्र में बहु ब्रांड में एफडीआई का प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ सका। हम संसद के भीतर और बाहर ऐसे किसी प्रयास का विरोध करेंगे क्योंकि यह देश के लिए खतरनाक है।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद वैश्विक रिटेल शृंखलाएं वॉलमार्ट, टेस्को और कार्फू भारत में अपने आउटलेट्स खोल सकेंगी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि कैबिनेट गुरुवार को सिंगल ब्रांड और मल्टी ब्रांड रिटेल में एफडीआई से संबंधित दोनों प्रस्तावों पर विचार करेगा। इसके तहत सिंगल ब्रांड में 100 फीसदी और मल्टी ब्रांड में 51 फीसदी एफडीआई की अनुमति मिल सकती है।
इससे पहले कैबिनेट सचिव अजित कुमार सेठ की अध्यक्षता वाली समिति ने मल्टीब्रांड रिटेल क्षेत्र में कुछ शर्तों के साथ 51 फीसदी एफडीआई की अनुमति देने की सिफारिश की थी।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, November 24, 2011, 23:46