Last Updated: Tuesday, February 14, 2012, 08:37
नई दिल्ली : खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से सकल मुद्रास्फीति की दर जनवरी माह में घटकर 6.55 प्रतिशत पर आ गई, जो इसका दो साल का निचला स्तर है। महंगाई की दर घटने से संभावना बनी है कि भारतीय रिजर्व बैंक आगामी महीनों में नीतिगत ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।
थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर में 7.47 प्रतिशत के स्तर पर थी। जनवरी, 2011 में यह 9.47 फीसदी पर थी। मुद्रास्फीति की यह दर दिसंबर, 2009 के बाद सबसे कम है। उस समय यह 7.15 प्रतिशत पर थी। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि कीमतों में वृद्धि अभी तक स्वीकार्य स्तर पर नहीं आई और इसमें और कमी आनी चाहिए।
मुखर्जी ने संवाददाताओं से कहा, ‘मेरा मानना है कि इसमें और कमी आनी चाहिए, क्योंकि अभी भी यह स्वीकार्य स्तर पर नहीं है। मुझे उम्मीद है कि इसमें और गिरावट आएगी।’ आज जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जनवरी में खाद्य मुद्रास्फीति की दर शून्य से 0.52 प्रतिशत नीचे रही है।
समीक्षाधीन माह में सब्जियों के दाम सालाना आधार पर 43.13 प्रतिशत कम हुए हैं, जबकि गेहूं 3.48 फीसद सस्ता हुआ है। जनवरी में सालाना आधार पर आलू के दाम 23.15 प्रतिशत और प्याज के 75.57 प्रतिशत कम हुए हैं। थोक मूल्य सूचकांक में खाद्य वस्तुओं की हिस्सेदारी 14.3 प्रतिशत की है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 14, 2012, 14:07