Last Updated: Friday, August 30, 2013, 22:33
नई दिल्ली : इंटरनेट का इस्तेमाल 30 प्रतिशत तक महंगा हो सकता है। दूरसंचार विभाग ने इन सेवाओं से प्राप्त राजस्व को अपने उपकर के दायरे में लाते हुए नए दूरसंचार लाइसेंस समझौते के लिए शुक्रवार को शुद्धिपत्र जारी किया।
दो अगस्त को जारी यूनिफाइड लाइसेंस के आरंभिक संस्करण के मुताबिक, दूरसंचार विभाग ने इंटरनेट सेवाओं से राजस्व को समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) से मुक्त रखा था। इसने कहा था कि एजीआर की गणना इंटरनेट सेवाओं से आय घटाने के बाद की जाएगी।
हालांकि, एजीआर की गणना पर शुद्धिपत्र में दूरसंचार विभाग ने कहा है कि विशुद्ध इंटरनेट सेवा से आय को बी.कटौती वर्ग से हटाया जाता है। नए लाइसेंसों के तहत, दूरसंचार आपरेटरों (इंटरनेट सेवा प्रदाताओं सहित) को एजीआर पर सालाना 8 प्रतिशत का एकसमान लाइसेंस शुल्क देना पड़ेगा। इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एसोसिएशन आफ इंडिया ने चेताया है कि इस कदम से शुल्क दरें 30 प्रतिशत तक बढ़ जाएंगी। (एजेंसी)
First Published: Friday, August 30, 2013, 22:33