Last Updated: Thursday, January 24, 2013, 15:18

दावोस : कभी घोटालाग्रस्त रही और अब पूरी तरह से सुधर चुकी कंपनी महिंद्रा सत्यम (पूर्व में सत्यम कंप्यूटर) अपनी यात्रा में एक नए अध्याय की शुरुआत करने को तैयार है। हालांकि, उसे इस बात का दुख है कि उसके खिलाफ कर एवं अन्य मामले उसी तरह लगाए जा रहे हैं जिस तरह पीड़ितों को उठाने के लिए एंबुलेंस को दंडित किया जाता है।
यहां विश्व आर्थिक मंच की बैठक के दौरान महिंद्रा सत्यम के प्रमुख सीपी गुरनानी ने एक भेंटवार्ता में कहा कि महिंद्रा सत्यम के उत्कृष्ट निष्पादन की 8..10 तिमाहियां बीत चुकी हैं, दुनिया आगे बढ़ चुकी है, लेकिन भारत में प्रवर्तन निदेशालय और आयकर अधिकारियों के कानूनी पचड़ों का निपटान अभी बाकी है। लेखा में फर्जीवाड़े का भारत का सबसे बड़ा मामला जनवरी, 2009 में तब सामने आया जब सत्यम कंप्यूटर के संस्थापक और तत्कालीन चेयरमैन बी. रामलिंग राजू ने कंपनी के वित्तीय विवरण में एक अरब डालर से अधिक की जानबूझकर की गई बढ़ोतरी की बात स्वीकारी।
बाद में सरकार की निगरानी में हुई नीलामी में सत्यम कंप्यूटर का अधिग्रहण महिंद्रा समूह द्वारा कर लिया गया। कंपनी ने शेयरधारकों को करोड़ों डालर का भुगतान कर विभिन्न कानूनी मामले निपटा लिए हैं। उन्होंने कहा कि इससे बेहतर और कोई प्रमाण नहीं हो सकता कि यहां महिंद्रा सत्यम के लिए 300 से अधिक लोग ऐसे समय में आ रहे हैं जब सभी भागीदार दावोस नहीं पहुंचे हैं।
गुरनानी ने कहा कि महिंद्रा सत्यम द्वारा दिए गए भोज कार्यक्रम में इतनी भीड़ से साफ पता चलता है कि कंपनी फिर से पटरी पर आ गई है। कर नोटिसों से जुड़े मुद्दों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जब आय नहीं हो तो आयकर मांगना क्या उचित है। एक पीड़ित को अस्पताल पहुंचाने के लिए क्या एंबुलेंस को दंडित किया जाना चाहिए। हम एक एंबुलेंस रहे हैं और क्या आप दूसरों को यह संदेश देना चाहते हैं कि अगर आपने कभी ऐसा किया तो आप भी दंडित किए जाएंगे। (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 24, 2013, 15:18