Last Updated: Sunday, November 6, 2011, 06:06
नई दिल्ली: वित्तीय सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी नोमुरा ने कहा है कि भारत में मुद्रास्फीति चालू वित्त वर्ष के अंत तक काफी नीचे आने की संभावना है और रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति सख्त करने का सिलसिला रोक सकता है।
नोमुरा ने कहा कि हम रिजर्व बैंक के उस अनुमान से इत्तेफाक रखते हैं जिसमें कहा गया है कि हाल ही में उठाए गए कदमों की वजह से मुद्रास्फीति मार्च, 2012 तक उल्लेखनीय रूप से नीचे आ जाएगी।
संस्थान ने कहा, ‘जैसा की वृद्धि दर नरम पड़ती दिख रही है। हमारा अनुमान है कि रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दरों में और वृद्धि नहीं की जाएगी।’
रिजर्व बैंक मार्च, 2010 से अब तक 13 बार नीतिगत दरें बढ़ा चुका है। बैंक ने तब से अब तक नीतिगत दरों में 3.50 प्रतिशत की वृद्धि की है। पिछले महीने दूसरी तिमाही की मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक ने अनुमान जताया कि मुद्रास्फीति दिसंबर के बाद घटनी शुरू होगी और मार्च तक यह 7 प्रतिशत के स्तर पर आ जाएगी।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, November 6, 2011, 11:36