Last Updated: Monday, July 29, 2013, 23:04

मुंबई : रिजर्व बैंक के सर्वेक्षण में पेशेवरों ने डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर रहने का अनुमान जताया है। उनके अनुसार चालू वित्त वर्ष के अंत तक डॉलर के मुकाबले घरेलू मुद्रा 59.5 के स्तर पर रह सकती है। यह स्थिति तब है जब रिजर्व बैंक ने घरेलू मुद्रा में गिरावट थामने के लिये कई कदम उठाये हैं। पेशेवर अर्थशास्त्रियों के बीच किये गये सर्वेक्षण के अनुसार डालर के मुकाबले रुपया मार्च, 2014 के अंत तक 59.5 के स्तर पर रह सकता है। ये अर्थशास्त्री रिजर्व बैंक के नहीं हैं। उनके मुताबिक वित्त वर्ष 2014-15 की पहली तिमाही तक रपया इसी स्तर पर सकता है।
चालू तिमाही में रुपया 60 के स्तर से उपर चला गया था। उसके बाद से इसमें सुधार हो रहा है। 8 जुलाई को रुपया 61.21 के स्तर पर चला गया था। रुपये की विनिमय दर में तीव्र गिरावट तथा डॉलर के मुकाबले इसके रिकॉर्ड 61.21 के स्तर पर जाने से रिजर्व बैंक ने नकदी को सीमित करने तथा सट्टेबाजी पर अंकुश लगाने के लिये कुछ कदम उठाये हैं।
रिजर्व बैंक ने जो कदम उठाये हैं, उसमें बैंकों की फौरी उधारी को उनकी कुल जमा का 50 प्रतिशत तक सीमित करना तथा हर दिन औसत सीआरआर 99 प्रतिशत बनाये रखना शामिल हैं। सीमांत स्थायी सुविधा (एमएएफ) पर ब्याज दर में 2 प्रतिशत बढ़ोतरी की गयी है। इन उपायों से डॉलर के मुकाबले रुपया 60 के स्तर से नीचे बना हुआ है।
आज यह शुक्रवार के 59.04 की तुलना में 59.41 पर बंद हुआ। मौद्रिक नीति की तिमाही समीक्षा की पूर्व संध्या पर वृहद आर्थिक तथा मौद्रिक गतिविधियों पर जारी अपनी समीक्षा में रिजर्व बैंक ने कहा है, मौद्रिक नीति की प्राथमिकता इस समय मुद्रा बाजार में स्थिरता बहाल करना है ताकि वृहत आर्थिक-वित्तीय स्थितियां वृद्धि के अनुकूल बनी रहें। हालांकि, यह रणनीति तभी सफल होगी जब चालू खाते के घाटे को कम करने के लिये ढांचागत सुधारों पर बल दिया जाए तथा बचत और निवेश बढ़ाने के लिये उपाय किये जाएं। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 29, 2013, 23:04