`मुद्रास्फीति की दरों में और कटौती की गुंजाइश`

`मुद्रास्फीति की दरों में और कटौती की गुंजाइश`

`मुद्रास्फीति की दरों में और कटौती की गुंजाइश`नई दिल्ली : वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने नीतिगत दरों में उम्मीद से कम कटौती के कदम को सही ठहराते हुये उम्मीद जताई कि मुद्रास्फीति में गिरावट जारी रहने से आने वाले दिनों में नीतिगत दरों में कटौती की गुंजाइश बढ़ेगी।

रिजर्व बैंक की चालू वित्त वर्ष की मौद्रिक नीति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये चिदंबरम ने कहा कि जो आज हुआ है उसे हमें स्वीकार करना चाहिये और भविष्य में क्या है उस पर नजर रखनी चाहिये। चिदंबरम ने कहा कि रिजर्व बैंक ने नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की है। बैंक ने खुले बाजार संचालन की भी उदार होकर घोषणा की है। यदि मुद्रास्फीति और घटती है, उससे ही आगे के नीतिगत कदम की गुंजाइश तय होगी।

रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को जारी सालाना मौद्रिक नीति में प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत घटाकर 7.25 प्रतिशत कर दिया। हालांकि, बैंक ने नकद आरक्षित अनुपात यानी सीआरआर में कोई बदलाव नहीं किया। सीआरआर वह राशि होती है जो बैंकों को नकदी के रूप में रिजर्व बैंक के पास रखनी होती है।

रिजर्व बैंक ने 2013.14 के लिये आर्थिक वृद्धि का अनुमान भी 5.7 प्रतिशत रखा है जबकि वित्त मंत्रालय की आर्थिक समीक्षा में वर्ष के दौरान 6.1 से 6.7 प्रतिशत के दायरे में वृद्धि रहने का अनुमान लगाया गया है।

योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया भी रिजर्व बैंक की आर्थिक वृद्धि के अनुमान से प्रसन्न नहीं है। उन्होंने आर्थिक वृद्धि के अनुमान को निराशावादी बताया। (एजेंसी)

First Published: Friday, May 3, 2013, 15:28

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