Last Updated: Monday, November 28, 2011, 11:43
हैदराबाद : प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) के प्रमुख सी रंगराजन ने सोमवार को कहा कि भारत में महंगाई दर पर रुपये की विनिमय दर में गिरावट की बजाय वैश्विक बाजार में जिंस की कीमतों में उतार चढ़ाव का बड़ा असर पड़ेगा।मुद्रास्फीति लगभग 28 महीने से दहाई अंक में बनी हुई है।
इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंट एंड रिसर्च इन बैंकिंग टेक्नॉलाजी के एक कार्यक्रम के अवसर पर उन्होंने कहा, रुपये के मूल्य में कमजोरी का असर आयात पर होगा और निसंदेह तेल जैसे आयातित जिंस रुपये में महंगे हो जाएंगे। लेकिन अर्थव्यवस्था पर सबसे बड़ा असर इस बात पर निर्भर करेगा कि इन जिंसों की डॉलर कीमत क्या रहती है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक जिंस कीमतों का बड़ा असर भारत पर होगा जो कच्चे तेल की अपनी 80 प्रतिशत जरूरत आयात से पूरा करता है। रुपये में कमजोरी का मतलब आयात के लिए हर डॉलर के बदले अधिक रुपये का भुगतान है।
रंगराजन ने कहा, इस बात की संभावना है कि अगर विश्व अर्थव्यवस्था मजबूती से नहीं बढ़ती है तो शायद अंतरराष्ट्रीय जिंस कीमतों में भी नरमी आए। उल्लेखनीय है कि डॉलर की तुलना में रुपया 52.73 रु प्रति डॉलर तक टूट चुका है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, November 28, 2011, 20:46