Last Updated: Sunday, April 21, 2013, 15:24

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि मौजूदा कठिन आर्थिक हालात से निपटने के लिये अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने और उद्योगों तथा निवेशकों के अनुकूल माहौल बनाये जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा ‘‘मौजूदा नरमी का दौर अस्थाई है और जितनी जल्दी हो सके हमें इसे ठीक कर लेना चाहिए।’’ उन्होंने यहां आठवें लोक सेवा दिवस समारोह का उद्घाटन करते हुए कहा ‘‘विभिन्न क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने पर जोर दिया जाना चाहिये, इससे हमें मौजूदा मुश्किल स्थिति से उबरने में मदद मिलेगी।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने औद्योगिक एवं बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के अमल में तजी लाने के लिए निवेश संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति का गठन कर महत्वपूर्ण पहल की है।
उन्होंने कहा ‘‘समिति ने उत्साहजनक प्रगति की है। लेकिन बहुत कुछ करने की जरूरत है विशेष तौर पर ऐसा माहौल बनाने की जो उपक्रम और निवेश के अनुकूल माना जाए।’’ प्रधानमंत्री ने नौकरशाहों से इस पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान देने के लिए कहा। सिंह ने कहा कि पिछले दो दशक में अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों में सरकार की भूमिका में उल्लेखनीय बदलाव हुआ है। उन्होंने कहा ‘‘हम पिछले दौर की आदेश और नियंत्रण वाली अर्थव्वस्था से अब काफी आगे निकल आये हैं। आज सुशासन और अर्थव्यवस्था का प्रबंधन काफी जटिल हो गया है।’’
सिंह ने कहा ‘‘कैसे सुनिश्चत हो कि हमारी लोक सेवा के पास इस जटिलता से निपटने के लिए आवश्यक कौशल हो जो हमारी प्रमुख चुनौती है। मैं आपसे अपील करूंगा कि इस चुनौती से निपटने के लिए तरीकों पर विचार करें।’’ वित्त वर्ष 2012-13 में देश की अर्थव्यवस्था दशक भर के न्यूनतम स्तर पांच फीसद पर आ गई। वित्त वर्ष 2011-12 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.2 फीसद थी। वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने 2013-14 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.8 फीसद पर लाने का प्रस्ताव किया है जो पिछले वित्त वर्ष के दौरान 5.2 फीसद थी।
प्रधानमंत्री ने लोक सेवा अधिकारियों को शुरआती दौर में ही शीर्ष स्तर का प्रशिक्षण प्रदान करने की जरूरत पर बल दिया ताकि उन्हें उन साधनों से लैस किया जाए जो शासन और आर्थिक प्रणाली में अंतर्निहित तर्क और जटिलता को समझने के लिए जरूरी होता है।
सिंह ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कृषि क्षेत्र महत्वपूर्ण है और सुझाव दिया कि सबसे अच्छे और सबसे प्रतिभाशाली अधिकारियों को इस क्षेत्र में आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा ‘‘ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के मौके बढ़ाने का विषय बहुत बड़ा और जटिल है। हालांकि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था के अच्छे प्रदर्शन में कृषि क्षेत्र का अहम् योगदान है .’’ सिंह ने कहा ‘‘मैं ध्यान दिलाना चाहता हूं कि कुछ राज्यों को शायद हमारी अर्थव्यवस्था के इस महत्वपूर्ण क्षेत्र विशेष तौर पर कृषि अनुसंधान और कृषि विभाग के अधिकारियों के चयन और सेवा विस्तार पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। कृषि क्षेत्र में सबसे अच्छे और प्रतिभाशाली अधिकारी होने चाहिए।’’ प्रधानमंत्री ने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में युवाओं और युवतियों के कौशल विकास के लिए सम्मिलित प्रयास पर जोर दिया ताकि उन्हें उत्पादक रोजगार मिल सके और देश की युवा जनसंख्या का फायदा उठाया जा सके। (एजेंसी)
First Published: Sunday, April 21, 2013, 15:24