Last Updated: Tuesday, March 27, 2012, 14:25
नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि मुद्रास्फीति जब तक घट कर सहज स्थिति में नहीं आ जाती, वह बैंकों की नकदी पर कड़ा रुख बनाए रखेगा।
रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर केसी चक्रवर्ती ने स्काच समिट के दौरान संवाददाताओं से अलग बातचीत में कहा कि गिरावट के बावजूद अभी मुद्रास्फीति उस दायरे में नहीं है जिसे सहज माना जाए। उन्होंने कहा, ‘यदि मुद्रास्फीति सहज स्तर से उपर रही तो रिजर्व बैंक का सामान्य प्रयास होगा कि नकदी पर शिकंजा कसा रहे। ’ थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर 2011 में काफी उंची रही पर हाल के महीनों में इसमें कमी आयी है।
फरवरी में मुद्रास्फीति 6.95 प्रतिशत रही। बैंकों को बाजार में नकदी की तंगी के कारण कल रिजर्व बैंक से 1.90 लाख करोड़ रुपए का फौरी उधार लेना पड़ा। बैंक पिछले दो महीनों से रिजर्व बैंक से नकदी समायोजन सुविधा के तहत हर रोज औसतन एक लाख करोड़ से उपर का उधार लेते आ रहे हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 27, 2012, 20:03