Last Updated: Thursday, June 14, 2012, 23:49
नई दिल्ली : मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने यूरिया का खुदरा मूल्य 10 प्रतिशत बढ़ाने के बारे में फैसला गुरुवार को टाल दिया। समिति ने इस प्रस्ताव पर कृषि मंत्री शरद पवार के कड़े विरोध को देखते हुए ऐसा किया है। इस समय उर्वरकों में केवल यूरिया का मूल्य ही पूरी तरह सरकारी नियंत्रण में है। इसका मौजूदा खुदरा मूल्य 5,310 रपये प्रति टन है।
सीसीईए की बैठक के बाद गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा कि यूरिया की कीमत में वृद्धि के प्रस्ताव को संबंधित मंत्रालय को वापस भेजा गया है। उन्हें इस पर फिर से विचार करना है। सूत्रों ने कहा कि यूरिया कीमत में वृद्धि के प्रस्ताव पर वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता वाला मंत्रियों का समूह पुनर्विचार करेगा। सूत्रों का कहना है कि पवार ने यह कहते हुए इस प्रस्ताव का विरोध किया कि किसानों पर पहले ही कच्चे माल की उंची लागत का बोझ है और यूरिया के दाम बढाने से उन पर और बोझ पड़ेगा।
एक अन्य मंत्री ने भी इस प्रस्ताव पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा क्योंकि खुद वित्त मंत्रालय इसको लेकर दृढ निश्चय नहीं है। उर्वरक के असंतुलित उपयोग तथा सरकार के सब्सिडी बोझ को कम करने के लिये यूरिया की कीमत में वृद्धि का प्रस्ताव किया गया था। अनुमान है कि वित्त वर्ष 2011-12 में उर्वरक सब्सिडी बिल में यूरिया पर सब्सिडी लगभग 24,500 करोड़ रुपये रही। (एजेंसी)
First Published: Thursday, June 14, 2012, 23:49