Last Updated: Monday, June 18, 2012, 11:28
लॉस काबोस: योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर में कमी के कारण आर्थिक समस्या बेकाबू नहीं हुई है है लेकिन अगर यूरो क्षेत्र संकट का तत्काल समाधान नहीं हुआ तथा यूरोप में वित्तीय स्थिरता बहाल नहीं हुई तो स्थिति बिगड़ सकती है।
विकसित एवं विकासशील देशों के संगठन जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिये यहां आये अहलूवालिया ने कहा कि अगर इस साल भारत की जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में सात प्रतिशत के करीब रही तो हमारा देश ‘भाग्यशाली’ होगा। शिखर बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत विश्व के अन्य नेता भाग ले रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि देश की आर्थिक वृद्धि दर 2011-12 की चौथी तिमाही में घटकर 5.3 प्रतिशत रही जो नौ साल में सबसे कम है। विनिर्माण तथा कृषि क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के कारण आर्थिक वृद्धि दर कमजोर रही है।
दो दिवसीय जी-20 शिखर बैठक का प्रमुख एजेंडा यूरो क्षेत्र को संकट से बाहर निकालने के उपाय तलाशना है। अगर ऐसा नहीं होता है तो भारत तथा चीन जैसे उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
अहलूवालिया के अनुसार जारी विचार-विमर्श का मुख्य आकलन यह है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अत्यंत कमजोर है और अगर यूरो क्षेत्र संकट से प्रभावी तरीके से नहीं निपटा गया तो यह दूसरे वित्तीय संकट का कारण बन सकता है। (एजेंसी)
First Published: Monday, June 18, 2012, 11:28