Last Updated: Sunday, April 14, 2013, 14:47
नई दिल्ली : यूरोप भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए अधिग्रहण के लिए पसंदीदा स्थान बन गया है। टाटा द्वारा हाल में फ्रांसीसी कंपनी एल्टी का अधिग्रहण वहां अधिग्रहण गतिविधियों को और बढ़ावा दे सकता है। विशेषज्ञों ने यह राय जाहिर की है। यूरोप के सख्त श्रम कानून और उच्च परिचालन लागत के बावजूद कई साफ्टवेयर कंपनियों ने हाल के दिनों में यूरोपीय संघ में अधिग्रहण किया है। इस महीने टाटा-एल्टी सौदे के अलावा जनवरी में ज्योमेट्री ने जनवरी में 1.1 करोड़ यूरो में 3कैप टेक्नोलाजीज का अधिग्रहण किया।
पिछले महीने इन्फोसिस ने स्विस कंसल्टिंग कंपनी लोडस्टोन का 35 करोड़ डालर में अधिग्रहण किया जबकि कॉग्निजेंट टेक्नोलाजी साल्यूशंस कार्प ने छह छोटी सूचना प्रौद्योगिकी सेवा कंपनियों का अधिग्रहण किया। ये कंपनियां जर्मनी की सी1 समूह का हिस्सा थीं।
इस रुख पर टिप्पणी करते हुए सौदों पर निगाह रखने वाली कंपनी मर्जरमार्केट की पामेला बर्बाग्लिया ने कहा, ‘‘यूरोपीय संघ का लक्ष्य होगा भारतीय कंपनियों को अनुसंधान एवं विकास, बिक्री और बिक्री बाद क्षमता बढ़ाने में मदद करना। इसके अतिरिक्त शीर्ष कंपनियों को यूरोपीय संघ में ज्यादा विस्तार से फायदा होगा जिससे उनकी अमेरिका पर निर्भरता कम होगी।’’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, April 14, 2013, 14:44