Last Updated: Wednesday, June 20, 2012, 01:24
लॉस काबोस : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में कोटा सुधारों में बेहद धीमी प्रगति पर चिंता जताते हुए कहा कि कोटे में आर्थिक भार इस तरह से प्रतिबिंबित होना चाहिए जो सरल और पारदर्शी हो। सिंह ने जी-20 देशों के सम्मेलन के पूर्ण अधिवेशन के अपने दूसरे संबोधन में इस बात पर खेद जताया कि कोटा सुधारों में प्रगति संसाधन जुटाये जाने से धीमी गति से आगे बढ़ रही है। भारत की ओर से यूरो ऋण संकट को स्थिर करने के वास्ते मदद के लिए आईएमएफ के 430 अरब डालर के प्रोत्साहन पैकेज में 10 अरब डालर का योगदान करने की घोषणा की गई।
मनमोहन ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि जनवरी 2013 में होने वाली कोटा समीक्षा समय पर पूरी हो। प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी भारत की ओर से यूरो रिण संकट को स्थिर करने के वास्ते मदद के लिए आईएमएफ के 430 अरब डालर के प्रोत्साहन पैकेज में 10 अरब डालर का योगदान करने की घोषणा के एक दिन बाद की गई है।
उन्होंने कहा कि कोटा सुधार की प्रगति संसाधन जुटाये जाने से धीमी है। मैं मानता हूं कि ऐसे व्यावहारिक कारण हैं कि कोटा सुधार जिस पर वर्ष 2010 में सहमति बनी थी , वर्ष 2012 के अंत तक पूरी नहीं हो पाएगी लेकिन उसके बाद इसे तेजी से किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोटे में आर्थिक वजन इस तरह से प्रतिबिंबित होना चाहिए कि यह सरल और पारदर्शी हो। प्रधानमंत्री ने यह बात ऐसे समय में कही जब जी-20 नेताओं ने आईएमएफ सुधार एजेंडे में प्रगति की समीक्षा की। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 20, 2012, 01:24