रंगराजन समिति करेगी गरीबी रेखा की पुनर्समीक्षा

रंगराजन समिति करेगी गरीबी रेखा की पुनर्समीक्षा

नई दिल्ली : शहरों में 28.65 रुपए प्रतिदिन कमाने वाले व्यक्ति को गरीब नहीं मानने के आंकड़े पेश करके आलोचनाओं का शिकार हुए योजना आयोग ने आज जानेमाने अर्थशास्त्री सी. रंगराजन की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया है जो गरीबी रेखा के निर्धारण के लिए तेंदुलकर समिति की पद्धति की समीक्षा करेगा।

योजना राज्य मंत्री अश्वनी कुमार ने यहां कहा, ‘सरकार ने प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सी. रंगराजन की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ तकनीकी समूह गठित करने का फैसला किया है जो गरीबी रेखा के आंकलन और गरीबों की पहचान के तरीके की समीक्षा करेगा।’ उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ समूह 7.9 महीने में अपनी रिपोर्ट दे सकता है।

गरीबी के आंकलन के तरीके पर पुनर्विचार की जरूरत बताते हुए मंत्री ने कहा, ‘गरीबी को लेकर लोगों का नजरिया बदला है। इसलिए हमें देश में गरीबी के आंकलन की पद्धति पर नए सिरे से नजर डालने की जरूरत है।’ लोगों की बदलती जीवन शैली के बारे में कुमार ने कहा, ‘आजकल हम 20 पैसे के पोस्टकार्ड से पत्र नहीं भेजते बल्कि संदेश देने के लिए मोबाइल फोन से बातचीत करते हैं। हर कोई रीबॉक के जूते पहनता है और साइकिल के बजाय लोग स्कूटर पर चलते हैं।’

तेंदुलकर समिति की गरीबी के निर्धारण की पद्धति के अनुसार आयोग के आंकलन में बताया गया था कि शहरों में हर रोज 28.65 रुपए से अधिक कमाने वाला व्यक्ति और गांवों में रोज 22.42 रुपए से अधिक आय वाला शख्स गरीब नहीं है। गरीबी की इस परिभाषा पर विवाद खड़ा हो गया था और संसद में भी खूब हंगामा हुआ।

मंत्री ने कहा कि रंगराजन समिति का विशेषज्ञ समूह यह सिफारिश भी करेगा कि गरीबी के आंकलन को सरकार के सामाजिक क्षेत्रों की योजनाओं और कार्यक्रमों के लिए योग्यता तथा अधिकारों से कैसे जोड़ा जाए। (एजेंसी)

First Published: Thursday, May 24, 2012, 18:18

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