‘राजकोषीय घाटे को 5.3% तक सीमित रखना संभव’

‘राजकोषीय घाटे को 5.3% तक सीमित रखना संभव’

‘राजकोषीय घाटे को 5.3% तक सीमित रखना संभव’  नई दिल्ली : दूसरी छमाही में घरेलू अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद जताते हुए प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सी रंगराजन ने सोमवार को उम्मीद जाहिर की कि इस वर्ष राजकोषीय घाटा जीडीपी के 5.3 फीसद तक सीमित रखने का संशोधित लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा।

यहां दिल्ली आर्थिक सम्मेलन में संवाददाताओं से अलग से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा,‘मुझे लगता है कि इस बार राजकोषीय घाटा 5.3 के आस-पास रहेगा जैसा कि वित्त मंत्री ने संकेत दिया है।’

सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए बजट में 5.1 फीसद राजकोषीय घाटे का लक्ष्य रखा था। राजस्व संग्रह में कमी और ईंधन व खाद्य सब्सिडी के बढ़ने से इसे संशोधित कर 5.3 फीसद कर दिया गया है।

उन्होंने कहा,‘मुझे लगता है कि दूसरी छमाही, पहली छमाही से बेहतर होगी। हमें लगता है कि चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 5.5 फीसद से छह फीसद के बीच रहेगी।’

आरबीआई के गवर्नर रह चुके रंगराजन को उम्मीद है कि अगले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि और बढ़ेगी। वित्त वर्ष 2012-13 की पहली छमाही के दौरान वृद्धि घटकर 5.4 फीसद हो गई जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 7.3 फीसद थी।

2011-12 के दौरान वृद्धि दर नौ साल के न्यूनतम स्तर 6.5 फीसद पर आ गई। इधर रिजर्व बैंक को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में 5.8 फीसद वृद्धि की उम्मीद है। (एजेंसी)

First Published: Monday, December 17, 2012, 17:26

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