राजरत्नम की ‘अहम लोगों’ की सूची में था गुप्ता

राजरत्नम की ‘अहम लोगों’ की सूची में था गुप्ता


न्यूयार्क : गोल्डमैन साक्स के पूर्व निदेशक, रजत गुप्ता हेज फंड संस्थापक राज राजारत्नम की महत्वपूर्ण लोगों की सूची में शामिल थे, जिनका फोन वे हर हालात में उठाते थे भले ही कारोबार का व्यस्ततम समय ही क्यों न हो। भेदिया कारोबार के इस बहुचर्चित मामले की सुनवाई में पहले गवाह ने अपनी गवाही में यह बात कही। यह अलग बात है कि 2008 की शुरुआत में राजारत्नम कारपोरेट क्षेत्र के कुछ दिग्गजों को जब अटलांटिक सिटी कैसिनो में लेकर गए थे तो उनमें भारतीय अमेरिकी गुप्ता शामिल नहीं थे।


इस मामले की सुनवाई न्यूयार्क के दक्षिणी जिले की यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में चल रही है। सुनवाई के दूसरे दिन ज्यूरी ने गुप्ता व राजारत्नम के बीच रिश्ते के इन दो अलग अलग पहलुओं के बारे में सुना। अभियोजन पक्ष ने इस दौरान यह दर्शाने की कोशिश की कि राजारत्नम व गुप्ता में कितने करीबी रिश्ते थे। उनके पास गैलियोन के मैनहटन कार्यालयों के लिए इलेक्ट्रानिक सिक्युरिटी पास भी था।


हालांकि, बचाव पक्ष ने अपनी दलील में उस घटना का जिक्र किया जिसमें राजारत्नम छह अन्य फंड मैनेजरों के साथ हेलीकाप्टर से अटलांटिक सिटी के एक कैसिनों में फैंटेसी फुटबाल उत्सव में गए और गुप्ता इनमें शामिल नहीं थे। यह घटना फरवरी 2008 में अटलांटिक सिटी की है।


गुप्ता व राजारत्नम के बीच 2008 में मतभेदों को साबित करने की कोशिश कर रहे बचाव पक्ष ने जताने की कोशिश की कि न्यूयार्क सिटी से अटलांटिक सिटी :न्यूजर्सी: को रात्रिकालीन हेलीकाप्टर यात्रा में गुप्ता को शालि नहीं किया गया।
राजारत्नम ने इस यात्रा (ट्रिप) में गोल्डमैन साक्स के प्रेजीडेंट गेरी कॉहन, गोल्डमैन के तत्कालीन सह प्रमुख (कारोबार) डेविड हेलर तथा हेज फंड प्रबंधकों को न्योता दिया, लेकिन गुप्ता को नहीं बुलाया। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि कोह्न इस यात्रा पर गये थे या नहीं। राजरत्नम के पूर्व सचिव कारेन आइजनबर्ग ने कहा कि यह उनकी फुटबाल के प्रति लगाव की उत्सव यात्रा थी. इससे आने वाला धन धर्मार्थ कार्य में जाना था।


अभियोजन पक्ष की पहली गवाह आइजनबर्ग ने अदालत में कहा कि उन्हें सख्त निर्देश थे कि उन्हें कारोबार के पहले आधे घंटे तथा अंतिम आधे घंटे में बिलकुल परेशान नहीं किया जाये हालांकि गुप्ता सहित पांच महत्वपूर्ण लोगों के फोन काल पर यह पाबंदी नहीं थी। यानी अगर इनमें से किसी का फोन आता है तो राजारत्नम को परेशान (डिस्टर्ब) किया जा सकता है।
हालांकि, आइजनबर्ग के अनुसार कई अवसरों पर राजारत्नम से उन्हें गुप्ता से यह झूठ बोलने को भी कहा कि वे कार्यालय में नहीं हैं। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, May 23, 2012, 22:20

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