राजस्व वसूली बढ़ाएं राज्य : मोंटेक - Zee News हिंदी

राजस्व वसूली बढ़ाएं राज्य : मोंटेक

नई दिल्ली: योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने शनिवार को कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत ढांचा, तथा कौशल विकास जैसे प्राथमिक क्षेत्रों को धन उपलब्धता बढाने के लिए राज्यों को राजस्व वसूली बढ़ाने और सबिसडी को तर्कसंगत बनाते हुये राजकोषीय घाटे को कम करने पर ध्यान देना होगा।

 

राष्ट्रीय विकास परिषद की 56वीं बैठक में 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012 से 17) की प्राथमिकता व चुनौतियों को रेखांकित करते हुए उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि देश के विकास के लिए सकल बजटीय समर्थन बढाना होगा साथ ही राजस्व प्राप्ति और खर्च के अंतर को कम करना होगा।

 

परिषद देश की पंचवर्षीय योजनाओं को अंतिम रूप देने वाली उच्चतम संस्था है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली इस परिषद में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री तथा सभी मुख्यमंत्री शामिल होते हैं। 12वीं योजना का दृष्टि पत्र इस समय परिषद के विचाराधीन है।

 

अहलूवालिया ने कहा कि प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए अधिक संसाधन तभी जुटाए जा सकते हैं जब केंद्र और राज्य जीडीपी में कर राजस्व अनुपात को बढा सके और अलक्षित सब्सिडी में कटौती कर सकें। उन्होंने कहा कि राज्यों को राजकोषीय घाटा कम करना ही होगा क्योंकि अनेक राज्यों में ऋण स्थिति बहुत कठिन हो गई है। केंद्र की संसाधन जुटाने की क्षमता सीमित है। राज्यों को बेहतर राजस्व प्रदर्शन का लक्ष्य रखना चाहिए सब्सिडी पर नियंत्रण की प्रभावी प्रणाली अपनानी चाहिए।

 

अहलूवालिया ने राज्यों से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर जल्द अमल करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू करने से न केवल राज्यों का राजस्व बढ़ेगा बल्कि पूरे देश को एक साझा बाजार बनाने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने राज्यों से कृषि क्षेत्र की वृद्धि बढ़ाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि समावेशी विकास के लिहाज से कृषि क्षेत्र काफी चुनौतीपूर्ण है। इस क्षेत्र में नीतियों के क्रियान्वयन के मामले में काफी कुछ राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आता है।

 

उर्जा के क्षेत्र पर उन्होंने विशेष जोर दिया। अहलूवालिया ने कहा कि विद्युत परियोजनाओं के क्षेत्र में व्यापक विस्तार की आवश्यकता है। बिजली वितरण के क्षेत्र में सुधार को रेखांकित करते हुये उन्होंने कहा कि बिजली के पारेषण और वितरण में होने वाला नुकसान 70,000 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। वितरण क्षेत्र में सुधार पैकेज को जल्द लागू किये जाने की आवश्यकता है।

 

अहलूवालिया ने जल संसाधन के क्षेत्र में भी राज्यों का ध्यान आकृष्ठ किया। पानी का सोच विचार कर उपयोग करने, गंदे पानी को परिष्कृत करने के लिये अधिक से अधिक शोधन संयंत्र लगाने का उन्होंने राज्यों से आह्वान किया। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता योजनाओं को अमली जामा पहनाने में राज्यों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया और इसकाम में बेहतर संचालन, पंचायत स्तर पर ई-गवर्नेंस और विभिन्न योजनाओं में विशिष्ट पहचान संख्या आधार संख्या के इस्तेमाल को बढावा दिये जाने पर जोर दिया।

 

अहलूवालिया ने शुक्रवार को जारी मानव संसाधन विकास रिपोर्ट का हवाला देते हुये राज्यों को इसपर गौर करने को कहा। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में आंकड़े 2008 तक के आधार पर हैं, 12वीं योजना की मध्यकालिक समीक्षा में इसे और पुख्ता बनाया जायेगा। (एजेंसी)

First Published: Saturday, October 22, 2011, 15:51

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