Last Updated: Saturday, February 9, 2013, 18:21

मुंबई : वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि राजीव गांधी इक्विटी बचत योजना को निवेशकों के लिए और आकर्षक बनाने के वास्ते आने वाले बजट में इसमें सुधार किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि मंत्रालय इसमें दिए जाने वाले कर प्रोत्साहन उपायों की फिर से समीक्षा करेगा और निवेशकों की चिंताओं का निराकरण करने का प्रयास करेगा।
राजीव गांधी इक्विटी बचत योजना की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा, ‘नियामक को मैंने आश्वस्त किया है अगले बजट और अगले वित्त विधेयक में हम अवसर का लाभ उठाते हुए इस योजना में जरूरी बदलाव करेंगे। योजना को तैयार करते समय जो अनुभव हमें मिला है उसके अनुसार हम इसमें जरूरी बदलाव करेंगे और इसे खुदरा निवेशकों के लिए आकर्षक बनाएंगे।’
चिदंबरम ने माना कि योजना के बारे में कुछ चिंताएं उठाई गई हैं। आम निवेशक के लिहाज से योजना जटिल है और उसे समझने में कठिनाई हो रही है। अब इसे सरल बनाया जायेगा और निवेशकों को इसमें भाग लेने में कठिनाई नहीं होगी।
योजना की घोषणा 2012.13 के बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने की थी। नये निवेशकों को पूंजी बाजार में निवेश के लिये प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से योजना लाई गई थी।
वित्त मंत्री ने कहा,‘कुछ लोगों कहना है कि योजना में जिस तरह के प्रोत्साहन की बात की गई है उसे समझना आम निवेशकों की समझ से बाहर की बात है। कुछ का कहना है कि 50,000 रुपये तक के निवेश पर 50 प्रतिशत कटौती का लाभ देना उपयुक्त प्रोत्साहन नहीं है।’
चिदंबरम ने कहा कि सरकार ने राजीव गांधी इक्विटी बचत योजना में म्युचुवल फंड को भी शामिल होने की अनुमति दे दी है। इसे शुरू में केवल नये निवेशकों के लिये ही रखा गया था।
चिदंबरम ने ‘अपने ग्राहक को जानिये (केवाईसी) नियमों के मामले में भी एकीकरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘एक ही नियामक के तहत काम करने वाले कारोबार भागीदारों, मध्यस्थों के लिये अलग अलग केवाईसी नियम नहीं हो सकते हैं। इससे भी खराब स्थिति तब होगी जब विभिन्न नियामकों के लिये हमें केवाईसी के अलग अलग सेट बनाने होंगे।’ (एजेंसी)
First Published: Saturday, February 9, 2013, 18:21