Last Updated: Sunday, December 4, 2011, 12:19
नई दिल्ली : अग्रिम कर देने का समय नजदीक आने के साथ रिजर्व बैंक पर नकदी बढ़ाने के लिये नकद आरक्षी अनुपात, सीआरआर में कम से कम 0.25 प्रतिशत की कटौती करने का दबाव बढ़ रहा है।
बैंकरों और विश्लेषकों का मानना है कि रिजर्व बैंक सप्ताह के दौरान कभी भी इस दिश में कदम उठा सकता है क्योंकि कंपनियों द्वारा अग्रिम कर अदा करने की अंतिम तारीख 15 दिसंबर है। इसके कारण बाजार से बड़ी राशि निकल जाएगी। सीआरआर में उक्त कमी से बैंकों के पास 15,000 करोड़ रुपये की नकदी बढ़ रही है। सीआरआर के तहत बैंकों को निश्चित राशि केंद्रीय बैंक के पास रखनी पड़ती है।
सार्वजनिक क्षेत्र के अग्रणी बैंक के एक प्रमुख ने कहा, ‘‘हम सीआरआर में 0.25 से 0.50 प्रतिशत तक की कमी की उम्मीद कर रहे हैं। इस सप्ताह रिजर्व बैंक इस दिशा में ध्यान दे सकता है।’’ सीआरआर मई 2010 से 6 प्रतिशत है। वहीं दूसरी तरफ मई 2010 से लेकर अबतक रिजर्व बैंक नीतिगत ब्याज दरों में 11 बार वृद्धि कर चुका है। अक्तूबर महीने में बैंक ने रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की। इस वृद्धि के बाद रेपो 8.50 प्रतिशत जबकि रिवर्स रेपो 7.50 प्रतिशत हो गया।
सार्वजनिक क्षेत्र के एक और बैंक के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार रिजर्व बैंक की तरफ से नकदी डाले जाने की पूरी संभावना है। उसने कहा कि रिजर्व बैंक सप्ताह के दौरान या 16 दिसंबर को मध्य तिमाही की मौद्रिक नीति समीक्षा में सीआरआर में कटौती कर सकता है।
विश्लेषकों का यह भी मानना है कि केंद्रीय बैंक धीरे-धीरे नकदी को बढ़ा सकता है। गोल्डमैन साक्श ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘हम उम्मीद करते हैं रिजर्व बैंक खुले बाजार की कार्यवाही तथा बैंकों के लिए आरक्षी अनुपात को कम कर नकदी बढ़ाएगा।’
(एजेंसी)
First Published: Sunday, December 4, 2011, 18:07