Last Updated: Thursday, September 20, 2012, 00:09

नई दिल्ली : सरकार द्वारा बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के फैसले को अमल में लाने की घोषणा के विरोध में व्यापारिक संगठनों ने आज राष्ट्रव्यापी व्यापार बंद का आह्वान किया है। इस दौरान देशभर में सभी प्रमुख बाजार और दुकानें बंद रहेंगी। हालांकि, दवाइयों की दुकानें इस दौरान खुली रहेंगी।
व्यापारियों के प्रमुख संगठन कनफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के खिलाफ जहां देशभर में व्यापार बंद रहेगा, वहीं विभिन्न इलाकों में व्यापारियों द्वारा विरोध रैली भी निकाली जाएगी। कैट की ओर से जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया है। इस धरने में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के संयोजक शरद यादव, वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी, माकपा महासचिव प्रकाश करात तथा भाकपा के महासचिव ए बी वर्धन शामिल होंगे।
कैट ने कहा है कि इस व्यापार बंद में देशभर के 5 करोड़ से अधिक व्यापारी, मजदूर, रेहड़ी खोमचे वाले, किसान और खुदरा व्यापार से जुड़े अन्य लोग शामिल होंगे। खंडेलवाल ने दावा किया कि बंद को देशभर के 25,000 व्यापारिक संगठनों ने समर्थन दिया है।
खंडेलवाल ने बताया कि सरकार का यह कहना कि एफडीआई को लागू करना राज्यों की इच्छा पर है, भ्रमित करने वाला है। विश्व व्यापार संगठन के गैट्स समझौते के तहत भारत की 82 देशों के साथ द्विपक्षीय संधि में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि विदेशी निवेशकों के साथ किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाएगा। ऐसे में किसी भी विदेशी रिटेलर को किसी राज्य में अपनी दुकान खोलने के लिए राज्य सरकार की अनुमति लेने की जरूरत ही नहीं होगी।
व्यापारिक संगठनों का कहना है कि कल दिल्ली के सभी प्रमुख बाजार सदर बाजार, चावड़ी बाजार, कनॉट प्लेस, करोल बाग, पहाड़गंज, ग्रेटर कैलाश, साउथ एक्टेंशन, लाजपत नगर, खान मार्केट, लाजपत नगर, कश्मीरी गेट, राजौरी गार्डन, तिलक नगर, रोहिणी, पीतमपुरा, आजादपुर, प्रीत विहार, विकास मार्ग, शाहदरा आदि बंद रहेंगे। कैट ने कहा है कि यदि सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती है, तो प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में व्यापारी सरकार के खिलाफ अभियान चलाएंगे और मतदाताओं को सरकार के इस फैसले से होने वाले नुकसान के बारे में बताएंगे। (एजेंसी)
First Published: Thursday, September 20, 2012, 00:09