Last Updated: Wednesday, June 5, 2013, 21:14

नई दिल्ली : बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति के मामले में क्या विदेशी संस्थागत निवेश (एफआईआई) भी शामिल हैं, इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने के लिए औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) जल्द मंत्रिमंडल के पास जाएगा। इसके अलावा विभाग खुदरा के लिए बैकएंड ढांचे (सहायक ढांचागत सुविधा) में न्यूनतम निवेश की सीमा को लेकर भी मंत्रिमंडल से स्थिति साफ करने को कहेगा।
सूत्रों ने बताया कि डीआईपीपी लघु एवं मझोले उपक्रमों से 30 प्रतिशत न्यूनतम खरीद की शर्त को लेकर भी कुछ स्पष्टीकरण चाहता है। विभाग यह जानना चाहेगा कि उस स्थिति में क्या प्रावधान होगा जबकि विदेशी खुदरा कंपनी के भारतीय उपक्रम को सामान की आपूर्ति करने वाली लघु एवं मझोली इकाई में तीन साल की अवधि के बाद यदि मशीन और संयंत्र पर निवेश 10 लाख डॉलर (पांच करोड़ रुपए) की सीमा से अधिक हो जाता है। एक सूत्र ने कहा कि डीआईपीपी इन तीनों मुद्दों को लेकर मंत्रिमंडल के पास जाएगा। पहला मुद्दा यह है कि क्या क्षेत्र में 51 प्रतिशत की एफडीआई की अनुमति में एफआईआई शामिल हैं। मंत्रिमंडल के स्तर पर इस बारे में स्पष्टीकरण लेना होगा।
दूसरा मुद्दा बैक एंड ढांचे में न्यूनमत 50 प्रतिशत निवेश के बारे में है। सूत्र ने कहा कि यदि वैश्विक रिटेलर 100 करोड़ डॉलर का निवेश करना चाहता है तो उसके लिए मौजूदा नियम के अनुसार बैक एंड ढांचे में 50 करोड़ डॉलर का निवेश करना अनिवार्य होगा। या फिर इसकी कोई सीमा होगी जिसके तहत बैक एंड ढांचे में न्यूनतम निवेश कहीं कम होगा।
मौजूदा नीति के तहत भारत के बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में उतरने के इच्छुक विदेशी रिटेलर को कम से कम 10 करोड़ डॉलर का निवेश करना होगा। इसमें से 50 फीसद निवेश बैक एंड ढांचे में किया जाएगा। इसके अलावा रिटेलर को भारत में बेचे जाने वाला कम से कम 30 फीसदी सामान छोटे उद्योगों से खरीदना होगा। इन छोटे उद्योगों का संयंत्र और मशीनरी में कुल निवेश 10 लाख डालर से अधिक नहीं होना चाहिए।
इसके साथ ही डीआईपीपी जानना चाहता है कि क्या तीन साल बाद एसएमई के 10 लाख डालर के निवेश की परिभाषा से बाहर निकलने के बाद भी वैश्विक रिटेलर को उसी इकाई से खरीद की अनुमति होगी। हालांकि सरकार बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति करीब 9 महीने पहले दी थी, लेकिन डीआईपीपी के पास अभी तक इस बारे में कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं आया है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 5, 2013, 21:14