Last Updated: Friday, November 25, 2011, 13:42
चंडीगढ़ : भारतीय रिजर्व बैंक ने उम्मीद जताई है कि मल्टीब्रांड रिटेल क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) से महंगाई को नीचे लाने में मदद मिलेगी। रिजर्व बैंक के गर्वनर डी. सुब्बाराव ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मल्टीब्रांड रिटेल क्षेत्र में एफडीआई से निश्चित तौर पर सप्लाई चेन को सुधारने में मदद मिलेगी और इससे महंगाई नीचे आएगी।’
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को मल्टीब्रांड क्षेत्र में 51 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी थी। इससे वॉलमार्ट जैसे वैश्विक रिटेलरों को देश के शहरों में बड़े स्टोर खोलने में मदद मिलेगी। सुब्बाराव ने कहा, ‘मल्टीब्रांड रिटेल क्षेत्र में 51 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति से देश में विदेशी पूंजी को आकर्षित करने में मदद मिलेगी। यह एक अच्छा कदम है जिससे देश में सही पूंजी आ पाएगी।’ इससे पहले सुब्बाराव ने कहा कि मंत्रिमंडल के फैसले से लाजिस्टिक्स में सुधार होगा, महंगाई काबू में आएगी और इससे देश की 50 फीसदी से अधिक की आबादी के जीवन स्तर में सुधार होगा।
सुब्बाराव ने बढ़ती महंगाई को सफलता के लिए समस्या बताते हुए कहा कि कृषि उत्पादकता में सुधार कर खाद्य मुद्रास्फीति की समस्या से जड़ से निपटा जा सकता है। रिजर्व बैंक के प्रमुख ने कहा कि स्थिर वृहद आर्थिक वातावरण के लिए महंगाई को पांच फीसदी पर लाना और केंद्र और राज्यों के राजकोषीय घाटे को कम करना जरूरी है।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, November 26, 2011, 00:19