Last Updated: Sunday, January 29, 2012, 17:44

शिकागो : वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि सरकार बहु-ब्रांड खुदरा कारोबार में विदेशी कंपनियों के प्रवेश की अनुमति देने के बारे में सहमति बनाने की कोशिश कर रही है।
शिकागो काउंसिल ऑफ ग्लोबल अफेयर्स की ओर से यहां प्रतिष्ठित कंपनियों के मुख्य कार्यकारियों की बैठक को संबोधित मुखर्जी ने कहा कि सरकार ने बहु-ब्रांड खुदरा कारोबार के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का फैसला कर लिया था लेकिन उसे लागू करने में अभी कामयाब नहीं हुई है। पर इस दिशा में प्रयास जारी है।
उन्होंने बैठक में उपस्थित फार्चून 500 सूची की कंपनियों के नुमाइंदो को भारत में विदेशी निवेश के नियम एवं प्रक्रियाओं को उदार बनाने के लिये लिये गये हाल के फैसलों के संदर्भ में कहा, हमने एकल ब्रांड खुदरा कारोबार में एफडीआई के नियमों को और उदार बना दिया है पर बहु-ब्रांड खुदरा कारोबार को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिये खोलने के फैसले को अभी हम लागू नहीं कर सके हैं।
हम इस मुद्दे पर सभी संबद्ध पक्षों के बीच आमसहमति बनाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि इस मामले में आगे कदम उठाया जा सके। उल्लेखनीय है कि सरकार ने एक ब्रांड खुदरा व्यापार में एफडीआई सीमा को 51 से बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दिया है। इसके साथ ही करीब 550 अरब डॉलर के भारतीय बहु-ब्रांड खुदरा बाजार में विदेशी कंपनियों 51 प्रतिशत तक की हिस्सेदारी वाली कंपनी खोलने का भी फैसला किया गया था लेकिन विपक्ष के साथ-साथ तृणमूल कांग्रेस जैसे सहयोगी दलों के विरोध के चलते इसका क्रियान्वयन टाल दिया गया।
वित्त मंत्री ने बैठक में उपस्थित निवेशकों को भारत में खासर ढांचागत क्षेत्र में निवेश के अवसरों का फायदा उठाने का न्यौता दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमों को उदार बनाने के लिये अनेक कदम उठाये हैं ताकि उन्हें आसानी से समझा जा सके। उल्लेखनीय है कि भारत के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 12वीं योजना (2012-17) में 1,000 अरब डॉलर के निवेश की जरूरत का अनुमान लगाया गया है। (एजेंसी)
First Published: Monday, January 30, 2012, 10:44