Last Updated: Thursday, November 1, 2012, 23:06
नई दिल्ली : सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को फायदा पहुंचाने के उस पर लगाए गए आरोपों का गुरुवार को जोरदार ढंग से खंडन किया और कहा कि सरकारी फैसले बिना किसी भय और पक्षपात के पूरी निष्पक्षता के साथ लिये जाते हैं। राजनीति में उतरे सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने कल सरकार पर रिलायंस इंडस्ट्रीज को फायदा पहुंचाने के आरोप लगाए।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने आज जारी छह पन्नों के वक्तव्य में कहा कि गैस के दाम बढ़ाने की रिलायंस की मांग को 2010 में ही ठुकरा दिया था। इंडिया अगेंस्ट क्रप्शन (आईएसी) के आरोपों को आधारहीन और निर्थक बताते हुए मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस की संप्रग.एक और संप्रग-दो सरकारें ‘लगातार राष्ट्रहित की सुरक्षा करती रही हैं।’
मंत्रालय ने अरविंद केजरीवाल और प्रशांत भूषण द्वारा लगाए गए आरोपों का आज बिंदुवार जवाब दिया। मंत्रालय ने कहा कि मंत्रालय कानून के अनुसार काम करने के लिए प्रतिबद्ध है और यहां फैसले बिना किसी डर और पक्षपात के लिए जाते हैं।
मंत्रालय का कहना है कि सरकारी काम किसी व्यक्ति विशेष अथवा समूह के इशारे पर काम नहीं करता। मंत्रालय पारदर्शिता और ईमानदारी के सिद्धांतों का कड़ाई से पालन करते हुये जांच परख के बाद मजबूती से फैसले लेता रहेगा और अपना काम करता रहेगा। मंत्रालय ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया कि केजी डी6 ब्लॉक रिलायंस को देने में उसने पक्षपात किया। उसने कहा कि नई तेल उत्खनन लाइसेंसिग नीति :नेल्प: को 1999 में भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने क्रियान्वित किया और इसीके तहत खुली अंतरराष्ट्रीय बोली मंगाकर केजी बेसिन जैसे क्षेत्रों की पेशकश की गई। (एजेंसी)
First Published: Thursday, November 1, 2012, 21:02