Last Updated: Wednesday, August 28, 2013, 23:35

मुंबई : डॉलर के मुकाबले रुपए की हालत और खराब हो गई है। वैश्विक स्तर पर तेल कीमतों में बढ़ोतरी, चालू खाते के घाटे तथा पूंजी के वाह्य प्रवाह की चिंता के बीच अंतरबैंक विदेशी विनिमय बाजार में बुधवार को रुपए में एक दिन में सबसे बड़ी गिरावट आई और यह नए सर्वकालिक निचले स्तर 68.80 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय रुपया 68.85 प्रति डॉलर तक नीचे चला गया था।
बैंकों और आयातकों (मुख्य रूप से तेल रिफाइनरी कंपनियों) की डॉलर मांग से रुपया लगातार दबाव में रहा। कच्चे तेल की कीमतों में तेजी का असर रुपए की धारणा पर दिखा।
कल के 66.24 के मुकाबले 66.90 प्रति डॉलर पर कमजोर खुलने के बाद यह 68.85 प्रति डॉलर तक गिर गया जो एक नया रिकार्ड है। अंत में यह 256 पैसे या 3.86 प्रतिशत के नुकसान से 68.80 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। यह एक दिन में रुपये में सबसे बड़ी गिरावट है।
चर्चा रही कि बीच में रिजर्व बैंक ने कुछ हस्तक्षेप किया था। पिछले तीन कारोबारी सत्रों में रुपये में 560 पैसे या 8.86 प्रतिशत की गिरावट आई है। अगस्त में रुपया 840 पैसे या 14 प्रतिशत लुढ़क चुका है। चालू साल के दौरान रुपया 1,381 पैसे या 25 फीसद तक कमजोर हुआ है।
डेवलपमेंट क्रेडिट बैंक के सहायक उपाध्यक्ष नवीन रघुवंशी ने कहा, ‘बाजार में डॉलर की कमी थी, क्योंकि भागीदारों को लगता है कि रुपया 70 से 72 प्रति डॉलर तक नीचे आ जाएगा।’
रघुवंशी ने कहा कि यहां तक कि कंपनियां भी इस स्तर पर डॉलर नहीं बेच रही हैं। बाजार में जो भी डॉलर की आपूर्ति हो रही है, वह राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा की जा रही है।
सीरिया पर सैन्य हमले की आशंका से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम चढ़ गए हैं। तेल कीमतों में तेजी और रुपये में गिरावट देश के लिए दोहरा झटका है। भारत अपनी 80 फीसद तेल जरूरत आयात से पूरा करता है।
बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज एक समय 519 अंक तक लुढ़कने के बाद अंत में 28 अंक के सुधार के साथ बंद हुआ। वित्त मंत्रालय ने रुपये में गिरावट को तर्कहीन धारणा करार देते हुए कहा है कि इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, August 28, 2013, 17:44