Last Updated: Thursday, June 13, 2013, 11:49

नई दिल्ली : रुपए में लगातार गिरावट के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था में भरोसा जताने वाले वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि आर्थिक सुधार कोई वनडे मैच नहीं है। इसके लिए लंबी प्रक्रिया के तहत योजनाएं बनानी पड़ती हैं।
गुरुवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में वित्त मंत्री ने कहा, `आर्थिक सुधार कोई वनडे मैच नहीं है जिसमें हर गेंद पर विकेट गिरने या छक्का लगने की उम्मीद की जा सके। यहां लंबे वक्त के लिए सोचना होता है।` चिदंबरम ने कहा, `पिछले नौ महीनों में अर्थव्यवस्था में सुधार आया है और यह अच्छा संकेत है। मुद्रा में गिरावट झेल रहा भारत कोई अकेला देश नहीं है, बल्कि ब्राजील, मेक्सिको ओर चिली जैसे देश भी इस तरह के खराब दौर से गुजर रहे हैं। रुपया गिरने से घबराने की जरूरत नहीं। आयात घाटे से रूपया कमजोर हुआ है।`
चिदंबरम ने कहा कि जून के अंत तक कोयले के दाम, कोयला आवंटन, गैस के दाम, एफडीआई लिमिट और चंद्रशेखर कमेटी के आधार पर सेबी की तरफ से दिए गए सुझावों पर काम कर लिया जाएगा। वित्त मंत्री ने यह भी कहा, `हम राजस्व लक्ष्यों को पूरा करने के लिए हर मुमकिन कोशिश करेंगे। इसके तहत मंत्रालयों और विभागों को बजट के तहत दी गई तमाम राशि को खर्च करने पर जोर दिया जाएगा।` चिदंबरम ने यह भी बताया कि इस माह के अंत में सरकार एफडीआई(फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट) की समीक्षा करने की घोषणा की भी तैयारी कर रही है। पिछले साल सितंबर से ही सरकार अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए कई ठोस कदम उठा चुकी है।
चिदंबरम ने बताया, `हम राजकोषीय घाटे का 4.8 फीसदी वाला लक्ष्य जरूर पूरा करेंगे। सोना खरीदने वाले लोगों के लिए यह जानना जरूरी है कि भारत में सोने का उत्पादन नहीं होता। जहां देशवासी रुपए में कीमत अदा करते हैं, वहीं सरकार को डॉलर में कीमत अदा करनी पड़ती है। यह सोचना कि सोने में निवेश करना सबसे सुरक्षित है, गलत है।`
First Published: Thursday, June 13, 2013, 11:49