Last Updated: Thursday, September 22, 2011, 11:49
मुंबई : वैश्विक अर्थव्यवस्था में मांग में लगातार कमी होने के चलते रुपया पिछले 25 महीने के अपने निचले स्तर पर पहुंच गया. गुरुवार को एक डॉलर में रुपये की कीमत 49 रुपये रह गई. बीते दो दिनों से रुपये में लगातार गिरावट देखी जा रही थी और आज डॉलर के मुकाबले रुपया दो साल के अपने निचले स्तर पर आ पहुंचा. ऐसे में अब एक डॉलर खरीदने के लिए 49 रुपये का भुगतान करना पड़ेगा.
बाजार के जानकारों के अनुसार, फेडरल रिजर्व की नए बॉन्ड इश्यू जारी करने की घोषणा का रुपये की स्थिति पर खराब असर हुआ है. वैश्विक बाजारों में भी चौतरफा बिकवाली हो रही है और फिलहाल विदेशी निवेशक अपनी पूंजी बाजारों से निकाल रहे हैं. कल फेडरल रिजर्व के ऑपरेशन ट्विस्ट के ऐलान के बाद से अमेरिकी डॉलर मजबूत हो गया, तो वहीं यूरो में कमजोरी पर कारोबार हुआ. वहीं, बाजार के कुछ अन्य जानकारों का कहना है कि मांग में लगातार कमी होने से रुपया और नीचे आएगा. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 50 रुपये तक नीचे आ सकता है. हर सप्ताह रुपये में करीब दो फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है और करेंसी बाजार में डॉलर के नीचे आने की पिफलहाल कोई वजह नहीं दिख रही है. जब तक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया रुपये को मजबूती देने के लिए कोई अहम घोषणा नहीं करता तब तक रुपये में तेजी की उम्मीद नहीं दिख रही. कुछ करेंसी एक्सचेंज के माहिरों का कहना है कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में कमजोरी छोटी अवधि के लिए है. लेकिन रुपये में अस्थिरता पर लगाम अगले 8-10 दिनों में लग सकती है.
First Published: Thursday, September 22, 2011, 17:19