Last Updated: Sunday, June 17, 2012, 09:18

मुंबई: अमेरिकी डालर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में हाल में आई गिरावट और उतार चढ़ाव पर चिंता व्यक्त करते हुये वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि देश के निर्यात बाजार का तुरंत विस्तार करने की आवश्यकता है।
वित्त मंत्री ने भारतीय बैंक संघ की सालाना आम सभा को संबोधित करते हुये कहा ‘रुपये की घटबढ अभी भी चिंता का विषय है। चालू खाते के घाटे और निर्यात वृद्धि में सुस्ती को देखते हुये हमें अपने निर्यात बाजारों और निर्यात होने वाले उत्पादों के विस्तार और विविधीकरण की तुरंत आवश्यकता है।’
हालांकि, इस दौरान वित्त मंत्री ने कच्चे तेल के दाम में आ रही गिरावट जैसे सकारात्मक घटनाक्रम का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इससे देश के व्यापार घाटे को कम करने में मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि कच्चे तेल के उंचे दाम के चलते पिछले वित्त वर्ष में व्यापार घाटा 190 अरब डालर रहा था। देश का तेल आयात पिछले वित्त वर्ष में 155.6 अरब डालर तक पहुंच गया था जबकि सोने का आयात 66.1 अरब डालर तक पहुंच गया।
रिजर्व बैंक की सोमवार को घोषित होने वाली मध्य तिमाही समीक्षा के बारे में मुखर्जी ने कहा कि मौद्रिक नीति तैयार करते समय रिजर्व बैंक को अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखना चाहिये। चालू खाते में बढ़ता घाटा, सुस्त पड़ती आर्थिक वृद्धि और राजकोषीय घाटे की स्थिति को देखना चाहिये। रिजर्व बैंक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय नियामक है और वह सही समय पर सही निर्णय लेगा। (एजेंसी)
First Published: Sunday, June 17, 2012, 09:18