Last Updated: Tuesday, August 20, 2013, 15:42

नई दिल्ली : चालू खाते में वृद्धि को रुपये की विनिमय दर में गिरावट का मुख्य कारण बताते हुए रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा है कि घरेलू मुद्रा के कमजोर होने से ईंधन सब्सिडी बिल बढ़ेगा, तेल कंपनियों की कर्ज लौटाने की क्षमता प्रभावित होगी और राजकोषीय घाटे पर दबाव पड़ेगा।
मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने ई-मेल के जरिये दिये जवाब में कहा कि पेट्रोलियम क्षेत्र को हल के कीमत नियंत्रण से मुक्त किये जाने के उपायों के बावजूद रपए की विनिमय दर में गिरावट के कारण सब्सिडी बिल बढ़ेगा। फलत: इससे सरकार का घाटा बढ़ेगा जो धीमी राजस्व वृद्धि से पहले से दबाव में है।
डालर के मुकाबले रपये की विनिमय दर में गिरावट जारी है। दोपहर के कारोबार में मंगलवार को यह 98 पैसे कमजोर होकर 64 के स्तर को पार कर 64.11 तक पहुंच गया। मूडीज ने कहा कि हमारा मानना है कि जबतक चालू खाते के घाटे में उल्लेखनीय सुधार नहीं होता या पूंजी प्रवाह में तेजी नहीं आती रुपये पर दबाव बना रहेगा। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 20, 2013, 15:42