रुपये में स्थिरता लाने को कई कदम उठाए: चिदंबरम

रुपये में स्थिरता लाने को कई कदम उठाए: चिदंबरम

रुपये में स्थिरता लाने को कई कदम उठाए: चिदंबरमनई दिल्ली : रुपये में गिरावट के लिए कई सारे वैश्विक और घरेलू तत्वों को जिम्मेदार करार देते हुए सरकार ने मंगलवार को कहा कि उसने रपये के उतार चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं और स्थितियों पर निगरानी रखी जा रही है।

वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि सरकार निरंतर देश के बाहर उभरते घटनाक्रमों की निगरानी कर रही है जिसके कारण चालू खाता घाटा (सीएडी) बढ़ रहा है और रुपये का अवमूल्यन हो रहा है।

उन्होंने कहा कि (सरकार ने) निर्यात को बढ़ाने और आयात को कम करने, सीएडी के वित्तपोषण की सुविधा के लिए पूंजी प्रवाह को प्रोत्साहित करने और रुपये की विनिमय दर में उतार चढ़ाव को कम करने के लिए कई पहल किए हैं। आज दोपहर के कारोबार में रुपया 61.80 रपये प्रति डालर के रिकार्ड निम्न स्तर को छू गया जबकि बंबई शेयर बाजार का सूचकांक 300 से भी अधिक अंकों की गिरावट दर्शाता बंद हुआ। अप्रैल के बाद से रुपये में करीब 16 प्रतिशत की गिरावट आई है।

रुपये के समर्थन के लिए सरकार द्वारा किये गये उपायों के बारे में चिदंबरम ने कहा कि इसके तहत ब्याज सहायता की दर को 2 से बढ़ाकर 3 प्रतिशत किया गया है जो निर्यातकों तथा लघु एवं मध्यम उपक्रमों को लाभ पहुंचायेगा, सोने पर आयात शुल्क में वृरिु की गई है और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को उदारीकृत किया गया है।

चालू खाता घाटे (सीएडी) के संदर्भ में मंत्री ने कहा कि जनवरी मार्च की तिमाही में यह घटकर 3.6 प्रतिशत रह गया है जो वित्तवर्ष 2012-13 की समान तिमाही में 6.5 प्रतिशत था। 2012-13 के पूर्ण वित्तवर्ष में चालू खाता घाटा (सीएडी) सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.8 प्रतिशत अथवा 88.2 अरब डालर था। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, August 6, 2013, 22:16

comments powered by Disqus