Last Updated: Sunday, February 10, 2013, 17:00

नई दिल्ली : डीजल की कीमतों में हाल की वृद्धि के मद्देनजर रेलवे यात्री किराए या माल भाड़े में वृद्धि करने पर विचार कर रहा है। डीजल के दाम में हाल की वृद्धि से रेलवे पर 3,300 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
सूत्रों ने कहा कि विभिन्न विकल्पों में से रेलवे इस बात पर विचार कर रहा है कि क्या वह सभी वर्गों में किराया बढ़ाने के लिए किराया ढांचा में ईंधन समायोजन तत्व को शामिल करे या फिर यात्री किराए में प्रति किलोमीटर कुछ पैसे की वृद्धि करे।
मंत्रालय राजधानी, दुरंतो तथा शताब्दी जैसे कुछ प्रमुख ट्रेनों में खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ा सकता है। फिलहाल मंत्रालय 26 फरवरी को पेश होने वाले 2013-14 के बजट को अंतिम रूप देने में लगा है।
रेलवे को पहले से यात्री खंड में 25,000 करोड़ रुपए का घाटा हो रहा है।
यात्री किराए में पिछले महीने 22 तारीख से 21 प्रतिशत की वृद्धि की गई। इससे रेलवे को 6,600 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय प्राप्त होगी। लेकिन डीजल के दाम में 10.8 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि से 3,300 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
रेल मंत्री पवन कुमार बंसल से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने यात्री किराए में वृद्धि की संभावना से इनकार नहीं किया।
जहां तक माल भाड़े का संबंध है, रेलवे ने पिछले साल सात मार्च को इसमें 20 प्रतिशत की वृद्धि की थी। रेलवे के एक सूत्र ने कहा, ‘हालांकि माल भाड़े में वृद्धि एक विकल्प है लेकिन हम इसमें और वृद्धि कर इसे महंगा नहीं करना चाहते। हमें बाजार में बने रहने के लिए प्रतिस्पर्धी शुल्क की पेशकश करना है।’
डीजल लागत में वृद्धि तथा बड़े पैमाने पर लंबित परियोजनाओं के मद्देनजर रेलवे ने वित्त मंत्रालय से वित्त वर्ष 2013-14 के लिए 38,000 करोड़ रुपए का बजटीय समर्थन मांगा है।
चालू वित्त वर्ष में रेलवे को वित्त मंत्रालय से 24,000 करोड़ रुपए मिला था। (एजेंसी)
First Published: Sunday, February 10, 2013, 17:00