Last Updated: Thursday, August 29, 2013, 13:31
नई दिल्ली : संसद की एक समिति ने जहाजरानी मंत्रालय के उस प्रस्ताव पर आपत्ति जताई है जिसमें उसने राष्ट्रीय जलमार्गों 4 एवं 5 के लाभप्रद हिस्सों को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) में निजी निवेशकों को सौंपने का प्रस्ताव किया है।
परिवहन पर संसद की स्थायी समिति ने संसद में पेश अपनी रपट में यह आपत्ति व्यक्त की है। इसमें कहा गया है, `समिति राष्ट्रीय जलमार्गों 4 एवं 5 के केवल लाभप्रद हिस्सों को निजी भागीदारों को सौंपने के विचार से सहमत नहीं है।` इन दोनों जलमार्गों का परिचालन अभी शुरू नहीं हुआ है जबकि इन्हें 2008 में राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया गया था।
माकपा सांसद सीता राम येचुरी की अध्यक्षता वाली समिति ने सवाल उठाया है, `क्या इसका मतलब यह है कि गैर लाभप्रद तथा जोखिम वाले हिस्से सरकार (इनलैंड वाटर ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के पास रहेंगे।` समिति यह समझने में विफल रही है कि केवल वाणिज्यिक रूप से आकर्षक तथा व्यावहारिक हिस्सों को ही पीपीपी मॉडल के तहत निजी हाथों में क्यों दिया जाना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Thursday, August 29, 2013, 13:31