Last Updated: Saturday, May 26, 2012, 23:56

मणिपाल (कर्नाटक): बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने आज कहा कि भारत की घरेलू मांग, उंची बचत दर और विनियामक तंत्र इसे लचीली अर्थव्यवस्था बनाती है।
हालांकि, उन्होंने वैश्विक आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए देशों के बीच तालमेल बढाकर सामूहिक कदम उठाने पर भी जोर दिया है।
मुखर्जी ने आगे कहा कि एशियाई अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन छोटी और मध्यम अवधि में न केवल वैश्विक विकास रफ्तार को बढाने के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए भी जरूरी है।
मणिपाल विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ‘21 वीं सदी एशियाई सदी के रूप में: भारत और चीन की भूमिका’ पर सेमिनार का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि दीर्घावधि में एशियाई अर्थव्यवस्था में खासतौर पर भारत और चीन में उंची बचत दर और निवेश का लाभ होगा। (एजेंसी)
First Published: Saturday, May 26, 2012, 23:56