वित्तीय प्राथमिकताओं में बदलाव नहीं: पीएम - Zee News हिंदी

वित्तीय प्राथमिकताओं में बदलाव नहीं: पीएम

कान (फ्रांस) : यूरो क्षेत्र के ऋण संकट से निपटने के अभियान के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि उच्च आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने के लिए भारत की वित्तीय प्राथमिकताओं में कोई बदलाव नहीं होगा।

 

मनमोहन सिंह ने यहां जी-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘वैश्विक संकट से पहले से ही अन्य बातों के अलावा वित्तीय समावेशी कार्यक्रम, आधारभूत परियोजनाओं के लिए दीर्घकालिक संसाधन जुटाने, मौद्रिक नीति के अनुरुप बदलाव के लिए बांड बाजार का विकास भारत की प्राथमिकताएं हैं।’

 

मनमोहन ने कहा कि इस दौरान वैश्विक और भारतीय वित्तीय बाजार में ऐसा कुछ नहीं हुआ जिससे उसकी प्राथमिकताओं में बदलाव किया जाए। हम यह भी सुनिश्चित करना चाहते हैं कि वैश्विक वित्तीय बाजारों में जो भी नियमन संबंधी सुधार लाया जाता है उससे यह प्रक्रिया प्रभावित नहीं होनी चाहिए।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की प्राथमिकताएं अलग हैं। भारत में बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए पूंजी की जरूरत है लेकिन यह बड़ा जोखिम उठाने के लिए नहीं बल्कि उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल करने के वास्ते ऋण वृद्धि की गति बढाने के लिए जरूरी है। मनमोहन ने कहा कि भारत में जनता ही सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की शेयरधारक है और वही करदाता है। ऐसे में देश में बैंकों पर एक और कर लगाने से पूंजी की लागत बढ़ने के अलावा इसका क्या औचित्य हो सकता है।

 

भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में मनमोहन ने कहा, ‘हमारी आर्थिक वृद्धि दर 7.6 से लेकर आठ प्रतिशत के बीच रहेगी। हम वापस उच्च आर्थिक वृद्धि की तरफ बढ़ने के लिए कदम उठा रहे हैं। हमें उम्मीद है कि 2012-13 तक हम फिर से उच्च आर्थिक वृद्धि की राह पर होंगे। साथ ही मुद्रास्फीति में भी नरमी का रुख होगा।’

 

उन्होंने कहा कि मध्यम काल में भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेश विशेषकर आधारभूत क्षेत्र में निवेश बढ़ाने पर जोर रहेगा। इसके अलावा राजस्व वसूली में सुधार लाकर राजकोषीय घाटे को कम करने पर भी गौर किया जाएगा। कर सुधारों से राजस्व वसूली बढ़ने की उम्मीद है।

 

प्रधानमंत्री ने एक बार फिर आगाह किया कि यूरोपीय क्षेत्र में लंबे समय तक अनिश्चितता और अस्थिरता बने रहने से दूसरे देशों पर भी असर पड़ेगा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ऐसे में मदद कर सकता है। मनमोहन ने कहा कि यूरोप के सुनियोजित विकास और समृद्धि से यूरोपीय देशों के साथ-साथ दुनिया के दूसरे देशों का भी हित जुड़ा है। (एजेंसी)

First Published: Friday, November 4, 2011, 18:08

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