वित्त मंत्रालय को राजकोषीय घाटा 5.3% रहने की उम्मीद

वित्त मंत्रालय को राजकोषीय घाटा 5.3% रहने की उम्मीद

नई दिल्ली : सरकार को उम्मीद है कि कुछ खर्चों में बचत करके और विनिवेश तथा स्पेक्ट्रम से मिलने वाले राजस्व के बल पर वह राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.3 प्रतिशत के दायरे में रखने में सफल रहेगी।

वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा,‘खर्चों में कुछ बचत होने की उम्मीद है, इसके अलावा विनिवेश और स्पेक्ट्रम बिक्री से मिलने वाली राशि को देखते हुए राजकोषीय घाटा 5.3 प्रतिशत से ऊपर नहीं जाएगा।’

सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान बढ़ते सब्सिडी खर्च को देखते हुए राजकोषीय घाटे का अनुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.3 प्रतिशत कर दिया। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार ने ईंधन सब्सिडी के बढ़ते खर्च को देखते हुए इसमें 28,500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान किया। हालांकि, बजट में इसके लिए पहले से ही 43,000 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया था।

सरकार ने राजकोषीय घाटे पर अंकुश रखने के लिए पिछले साल डीजल के दाम में पांच रुपए लीटर की वृद्धि की और सब्सिडी पर दिए जाने वाले रसोई गैस सिलेंडर की आपूर्ति एक साल में छह सिलेंडर पर सीमित कर दी।

अधिकारी ने कहा कि हो सकता है राजस्व वसूली बजट अनुमान के अनुरूप नहीं रहे लेकिन खर्चों में कमी करके इसकी भरपाई की जा सकती है। सरकार ने बजट में विनिवेश के जरिए 30,000 करोड़ रुपए जुटाने का प्रस्ताव रखा है, हालांकि अब तक वह इस मद में 6,900 रुपए ही जुटा सकी है। अगले ढाई महीनों में उसने शेष राशि जुटाने की योजना तैयार की है। (एजेंसी)

First Published: Saturday, January 12, 2013, 20:51

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