Last Updated: Wednesday, November 23, 2011, 13:45
नई दिल्ली : भारत का विदेशी कर्ज चालू वित्तवर्ष के पहले तीन महीनों में 3.4 प्रतिशत बढ़कर 30 जून 2011 को 316.9 अरब डालर हो गया जिसका कारण वाणिज्यिक उधारी और व्यापार ऋण का बढ़ना है। यह जानकारी संसद को बुद्धवर को दी गई।
वित्त राज्यमंत्री नमो नारायण मीना ने राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में बताया, विदेशी ऋण में वृद्धि का कारण वाणिज्यिक उधारी और अल्पावधिक व्यापार ऋण का बढ़ना है। उल्लेखनीय है कि 31 मार्च 2011 को विदेशी ऋण करीब 306.5 अरब डॉलर था।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 23, 2011, 20:33