Last Updated: Thursday, June 13, 2013, 23:00

नई दिल्ली : देश की तीसरी सबसे बड़ी साफ्टवेयर कंपनी विप्रो को आयकर विभाग ने 816 करोड़ रुपये की कर मांग का नया नोटिस भेजा है। इन्फोसिस, डब्ल्यूएनएस और आईगेट के बाद विप्रो इस तरह का नोटिस पाने वाली चौथी कंपनी बन गई है।
बेंगलूर मुख्यालय वाली कंपनी ने कहा है कि कर अधिकारियों ने वित्त वर्ष 2008-09 संबंधी ‘आकलन आदेश के मसौदा’ में यह मांग मुख्य रूप से आयकर कानून, 1961 की धारा 10ए के तहत उसकी इकाई द्वारा बेंगलुर के साफ्टवेयर टेक्नोलाजी पार्क में कमाए गए मुनाफे पर कटौती की अनुमति देने से इनकार के आधार पर की है।
कंपनी को मार्च, 2013 को इसी तरह का एक आदेश और मिला था जो इसी आधार पर था जो 31 मार्च 2009 को समाप्त वित्त वर्ष के संबंध में था। 84.8 करोड़ रपये के ब्याज को जोड़कर 816.4 करोड़ रुपये के कर की मांग की गई थी। विप्रो ने अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनियम आयोग (एसईसी) को भेजी सूचना में कहा है कि वह इस मांग के खिलाफ अपनी आपत्तियां विवाद निपटान समिति के समक्ष दर्ज कराएगी।
इस बारे में संपर्क किए जाने पर विप्रो ने कहा कि अभी तक कोई मांग नहीं मिली है और आकलन की प्रक्रिया प्रगति पर है। अजीम प्रेमजी की अगुवाई वाली कंपनी ने उम्मीद जताई है कि इस मामले में अंतिम फैसला उसके पक्ष में होगा। (एजेंसी)
First Published: Thursday, June 13, 2013, 23:00